अखिलेश यादव के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई आजमगढ़ की सीट पर लोकसभा उपचुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। 23 जून को होने वाले चुनाव के लिए भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर दिया है। सपा में अभी संशय है।
आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव को लेकर चुनावी बिसात बिछनी शुरू हो गई हैं। भाजपा ने आजमगढ़ से दिनेश लाल यादव निरहुआ पर फिर से दांव लगाया है। बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी गुडडू जमाली को चुनाव मैदान में उतारा है। अब लोगों की निगाहें सपा पर टिक गई हैं। सपा में प्रत्याशी को लेकर अभी संशय बरकरार है। पहले सपा ने डिंपल यादव को आजमगढ़ से प्रत्याशी बनाया था, लेकिन उपचुनाव की तारीख नजदीक आते-आते सपा ने प्रत्याशी बदलने का मूड बना लिया है।
माना जा रहा है कि सपा सुशील आनंद पर दांव लगा सकती है। सुशील आनंद बसपा के पुराने नेता व बामसेफ के संस्थापक सदस्य स्व बलिहारी बाबू के बेटे हैं। पार्टी इसके जरिए यादव-मुस्लिम वोट बैंक में दलितों को भी जोड़ सकती है। हालांकि सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम का कहना है कि अभी कुछ तय नहीं है। आजमगढ़ व रामपुर के लोकसभा उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों का ऐलान एक-दो दिन में हो जाएगा। बताया जा रहा है कि आजमगढ़ से पार्टी डिंपल यादव को लड़ाने के पक्ष में नहीं है। यहां बसपा की ओर से तगड़ी चुनौती है। उसने मुस्लिम प्रत्याशी गुडडू जमाली को प्रत्याशी घोषित किया है। जहां तक रमाकांत यादव का सवाल है, वह चुनाव लड़ने के बहुत इच्छुक नहीं बताए जाते हैं। वह वर्तमान में सपा विधायक हैं। इसलिए पार्टी अब दलित प्रत्याशी को आगे ला सकती है।
अखिलेश के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी आजमगढ़ सीट
करहल से विधानसभा चुनाव जीतने के बाद अखिलेश यादव ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था, तब से यह सीट खाली थी। अखिलेश यादव करहल से विधायक हैं। बलिहारी बाबू बसपा में राज्यसभा सदस्य भी रहे। दो साल पहले बसपा छोड़ कर सपा में शामिल हुए थे। कोरोना संक्रमण के चलते 2021 में उनकी मृत्यु हो गई। अब सपा उनके बेटे को लाकर अपने सियासी समीकरण दुरुस्त करने में लगी है। आजमगढ़ की सभी दस विधानसभा सीटें सपा ने इस चुनाव में जीती हैं।
एमएलसी सीट के लिए भी कई नामों पर चर्चा
सपा में मंगलवार को प्रत्याशियों के नामों की चर्चा होनी थी। पर बैठक नहीं हो पाई। वैसे एमएलसी के लिए स्वामी प्रसाद मौर्य, इमरान मसूद का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्य की दावेदारी पुख्ता मानी जा रही है। विधानसभा चुनाव हारने के बाद सपा उन्हें उच्च सदन में भेजने में गंभीरता से विचार कर रही है। इसी तरह सहारनपुर के इमरान मसूद ने विधानसभा चुनाव में सपा का काफी सहयोग किया था। सपा के मजबूत सहयोगी दल सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर भी चाहते हैं कि उनके बेटे अरविंद राजभर को सपा विधान परिषद भेजे। इसके अलावा पार्टी में कई पूर्व एमएलसी भी दावेदार हैं। जिनका विधान परिषद में कार्यकाल समय समय पर खत्म हो चुका है।