हिंदू समुदाय की टारगेट किलिंग के मामले सामने के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब कश्मीर घाटी में काम कर रहे हिंदू समुदाय के सभी सरकारी कर्मचारियों को जिला मुख्यालय में ही तैनाती दी जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में बीते कुछ महीनों में हिंदू समुदाय की टारगेट किलिंग के मामले सामने के बाद प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया है। अब कश्मीर घाटी में काम कर रहे हिंदू समुदाय के सभी सरकारी कर्मचारियों को जिला मुख्यालय में ही तैनाती दी जाएगी। मंगलवार को भी कुलगाम में आतंकवादियों ने एक हिंदू महिला टीचर रजनी बाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी। बीते 5 महीनों में यह 16वीं टारगेट किलिंग थी। इसके बाद प्रशासन का यह फैसला अहम है क्योंकि कर्मचारी लगातार यह मांग कर रहे थे कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर ही पोस्टिंग मिलनी चाहिए। बीते महीने राहुल भट की भी हत्या बडगान के सुदूर इलाके चंडूरा में स्थित तहसील परिसर में घुसकर की गई थी।
6 जून तक सुरक्षित स्थानों पर दी जाएगी हिंदू कर्मचारियों को तैनाती
इसके बाद उनके परिजनों ने आरोप लगाया था कि यदि उन्हें जिला मुख्यालय में तैनाती मिली होती तो आज वह जिंदा होते। बुधवार को श्रीनगर में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मीटिंग की और यह फैसला लिया। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इन सभी कर्मचारियों को 6 जून तक सुरक्षित स्थानों में पोस्टिंग दे दी जाएगी। मीटिंग में फैसला हुआ कि किसी भी हिंदू, सिख अथवा अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारी को कश्मीर में सुदूर इलाकों में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी, जहां सुरक्षा की व्यवस्था कमजोर हो।
सुदूर इलाकों में नहीं मिलेगी हिंदू, सिखों को पोस्टिंग
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इन सभी कर्मचारियों को 6 जून तक सुरक्षित स्थानों में पोस्टिंग दे दी जाएगी। मीटिंग में फैसला हुआ कि किसी भी हिंदू, सिख अथवा अल्पसंख्यक वर्ग के कर्मचारी को कश्मीर में सुदूर इलाकों में पोस्टिंग नहीं दी जाएगी, जहां सुरक्षा की व्यवस्था कमजोर हो। यही नहीं इन कर्मचारियों की समस्याओं के निदान के लिए एक ईमेल आईडी भी बनाने का फैसला लिया गया है ताकि समय रहते मसलों की सुनवाई हो सके। मीटिंग में यह बात सामने आई थी कि सभी विभागों में निचले स्तर के कर्मचारियों की सुरक्षा से जुड़ी चिंताओं पर ध्यान देने की जरूरत है। यदि वे कोई शिकायत करते हैं तो फिर तुरंत उस पर ऐक्शन लिया जाना चाहिए।
हिंदू कर्मचारियों की शिकायतों पर ऐक्शन नहीं लिया तो नपेंगे अफसर
यही नहीं मीटिंग में उपराज्यपाल ने कहा कि यदि कोई अधिकारी ऐसी शिकायतों पर ढिलाई बरतता है तो फिर उसके खिलाफ कड़ा ऐक्शन लिया जाएगा। मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई कि कैसे इस तरह का माहौल तैयार किया जाए कि कर्मचारियों के बीच भरोसा पैदा हो सके और वे सुरक्षित महसूस करें। ऐसे कर्मचारियों से वरिष्ठ अधिकारी मुलाकात करेंगे। असुरक्षित महसूस करने वाले कर्मचारियों की शिकायतों का निपटारा सीधे डिप्टी कमिश्नर और एसपी लेवल के अधिकारी करेंगे। गौरतलब है कि राहुल भट की हत्या के बाद से हिंदू समुदाय के कर्मचारियों की यह मांग तेज हो गई थी कि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पोस्टिंग दी जाए।