राज ठाकरे ने क्यों टाल दिया अयोध्या का दौरा? पुणे की रैली में खुद बताई असली वजह

Why did Raj Thackeray postpone Ayodhya visit: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रमुख राज ठाकरे ने रविवार को दावा किया कि उनके प्रस्तावित अयोध्या दौरे को लेकर हुए राजनीतिक घटनाक्रम मनसे कार्यकर्ताओं को कानूनी पचड़े में ‘फंसाने’ की साजिश थे और इसी कारण उन्होंने अपनी यात्रा को टालने का फैसला किया.

राज ठाकरे की होनी है सर्जरी 

पुणे स्थित एक सभागार में आयोजित जनसभा में राज ठाकरे ने कहा कि 1 जून को उनके कूल्हे की हड्डी की सर्जरी होनी है, जिसके प्रभाव से उबरने के बाद वह एक और रैली को संबोधित करेंगे. उन्होंने दोहराया कि अगर मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर ध्वनि संबंधी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करते हैं तो मनसे कार्यकर्ता एक बार फिर प्रदर्शन करेंगे. इससे पहले, राज ठाकरे ने मनसे कार्यकर्ताओं को मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर पर ‘अजान’ के विरोध में वहां हनुमान चालीसा बजाने का निर्देश दिया था.

प्रधानमंत्री मोदी से की थी ये अपील 

AIMIM के एक नेता के हाल ही में औरंगाबाद में मुगल शासक औरंगजेब के मकबरे का दौरा करने को लेकर हुए विवाद के बीच मनसे प्रमुख ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर रखने और समान नागरिक संहिता लागू करने की अपील की.

कांग्रेस पर कसा था तंज 

साल 2019 के महाराष्ट्र विधान सभा चुनाव से पहले बारिश के बीच एक रैली को संबोधित करने वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख पर तंज करते हुए राज ठाकरे ने कहा, ‘हम एक खुली जगह पर जनसभा के आयोजन की योजना बना रहे थे, लेकिन बारिश की आशंका को देखते हुए हमने इसे हॉल में करने का फैसला किया. साथ ही, हाल-फिलहाल में कोई चुनाव नहीं है, जिसके चलते बारिश में खड़े होकर भाषण दिया जाए.’

उद्धव ठाकरे के हिंदुत्व पर साधा निशाना

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर ‘फर्जी हिंदुत्व’ को लेकर निशाना साधे जाने पर मनसे अध्यक्ष ने कहा, ‘मुख्यमंत्री ने दावा किया है कि उनका हिंदुत्व असली है. क्या वह किसी वाशिंग पाउडर की बात कर रहे हैं कि उनका डिटर्जेंट दूसरे से बेहतर है?’

5 जून को होने वाली अयोध्या यात्रा स्थगित

राज ठाकरे ने मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर के खिलाफ उनकी पार्टी के प्रदर्शन के मद्देनजर दावा किया कि मनसे ने हिंदुत्व के मुद्दे पर ‘नतीजे’ दिए हैं. शुक्रवार को राज ठाकरे ने घोषणा की थी कि उन्होंने पांच जून को होने वाली अपनी अयोध्या यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा था कि वह रविवार को पुणे में होने वाली अपनी रैली में इसके बारे में और जानकारी साझा करेंगे.

कुछ लोग हो गए यात्रा टलने से खुश

उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था कि वह राज ठाकरे को तब तक अयोध्या में प्रवेश नहीं करने देंगे जब तक वह अतीत में किए गए उत्तर भारतीयों के ‘अपमान’ के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांग लेते. रविवार को राज ठाकरे ने कहा कि जब उन्होंने अपनी अयोध्या यात्रा टालने की जानकारी साझा की तो कई लोग खुश थे, लेकिन कुछ को यह पसंद नहीं आया.

राम जन्मभूमि का दौरा करना चाहते हैं राज 

उन्होंने दावा किया, ‘मैं अयोध्या दौरा टालने की घोषणा करने के बाद होने वाली चर्चाओं पर गौर कर रहा था. बाद में मुझे पता चला कि यह एक जाल है. इसकी शुरुआत महाराष्ट्र से हुई थी.’ राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को उनके अयोध्या जाने पर आपत्ति थी, उन्होंने उनकी यात्रा को लेकर ‘मुद्दे’ बनाने शुरू कर दिए. मनसे प्रमुख ने कहा कि वह न केवल राम जन्मभूमि का दौरा करना चाहते हैं, बल्कि उस स्थान पर भी जाने के इच्छुक हैं, जहां ‘कारसेवक’ मारे गए थे.

कार्यकर्ताओं को कानूनी पचड़े में फंसाने की साजिश 

उन्होंने कहा, ‘अगर मैं अयोध्या जाने पर अड़ा रहता और कुछ हो जाता तो हमारे समर्थक उससे निपट लेते. लेकिन, उनके खिलाफ मामले दर्ज किए जा सकते थे. इससे चुनाव के दौरान मनसे की संभावनाएं प्रभावित होतीं. मुझे लगा कि यह एक जाल है. मैं आलोचनाएं (अयोध्या यात्रा स्थगित करने के लिए) स्वीकार करना पसंद करूंगा, लेकिन अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को कानूनी पचड़े में फंसता नहीं देख सकता.’

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