पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष एहसान मनी ने दावा किया है कि बीसीसीआई के भीतर भाजपा का प्रभाव है। पूर्व पीसीबी मुखिया का कहना है कि इसकी वजह से पड़ोसियों के साथ संवाद बनाए रखना आसान नहीं है।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड यानी पीसीबी के पूर्व अध्यक्ष एहसान मनी ने बड़ा दावा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई को लेकर किया है। पीसीबी के पूर्व चेयरमैन का कहना है कि बीसीसीआई में बीजेपी सरकार का प्रभाव है। यही वजह है कि पाकिस्तान और भारत की बात क्रिकेट को लेकर नहीं हो पाती है। एहसान मनी ने कुछ ही समय पहले पीसीबी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था।
एहसान मनी ने क्रिकेट पाकिस्तान को दिए इंटरव्यू में कहा, “भले ही बीसीसीआई के पास सौरव गांगुली हैं, लेकिन क्या कभी किसी ने सोचा है कि उनके बोर्ड के सचिव कौन हैं? अमित शाह के बेटे जय शाह। बीसीसीआई कोषाध्यक्ष (अरुण धूमल) भाजपा के एक मंत्री का भाई है। असली कंट्रोल उनके पास है और बीजेपी बीसीसीआई को निर्देश देती है, इसलिए मैंने उनके साथ समझौता नहीं किया और न ही बात की।”
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के जाने के बारे में बोलते हुए एहसान ने कहा, “जब मैं पीसीबी अध्यक्ष था, तो हमने कानून में संशोधन किया था कि अगर अध्यक्ष का प्रदर्शन संदिग्ध है तो संरक्षक सीधे हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। केवल बोर्ड के पास अधिकार है इसके बारे में कुछ करें। संरक्षक के पास केवल आठ बोर्ड सदस्यों में से दो की सिफारिश करने का अधिकार है और यह बोर्ड पर निर्भर है कि वे अगले अध्यक्ष के रूप में किसे नियुक्त करना चाहते हैं। मैंने कोशिश की, लेकिन कोशिश करने में असफल रहा यह सुनिश्चित करने के लिए कि संरक्षक का कोई नोमिनेट व्यक्ति न हो।”