कौन हैं ‘फ्लाइंग फिश’ Siva Sridhar? एक-दो नहीं, जीते 7 गोल्ड सहित 9 मेडल, कहा जा रहा भारत का माइकल फेल्प्स

Siva Sridhar News: बेंगलुरु के जैन यूनिवर्सिटी में MBA कर रहे सिवा श्रीधर ने खेलो इंडिया-2021 के दौरान स्विमिंग पूल में प्रदर्शन से आग लगा दी। इस होनहार स्विमर ने 7 गोल्ड और 2 सिल्वर सहित कुल 9 मेडल अपने नाम किए। उन्हें भारत का माइकल फेल्प्स कहा जा रहा है।

नई दिल्ली: वह तैरता नहीं है, पानी में उड़ता है… यह लाइन माइकल फेल्प्स के लिए मशहूर है, लेकिन भारत में एक ऐसा स्विमर है, जिस पर भी यह बात खूब जंचती है। जिस तरह से इंग्लिश तैराक फेल्प्स ने 2008 ओलिंपिक में 8 गोल्ड मेडल जीतते हुए अपने नाम का परचम विश्व पटल पर दर्ज करा दिया था उसी तरह जैन यूनिवर्सिटी के लिए सिवा श्रीधर ने खेलो इंडिया-2021 में 7 गोल्ड सहित कुल 9 मेडल अपने नाम करते हुए इतिहास रच दिया। यही नहीं, MBA के इस स्टूडेंट ने कई रिकॉर्ड भी तोड़े।

नवभारत टाइम्स ऑनलाइन को दिए इंटरव्यू में बताया कि उनका सपना फिलहाल एशियन चैंपियनशिप के लिए क्वॉलिफाइ करना है और फिर देश के लिए ओलिंपिक जैसे खेलों के महाकुंभ में गोल्डन गोता लगाना है। अपनी गोल्डन जर्नी के बारे में सिवा बताते हैं, ‘साढ़े 4 वर्ष की उम्र से स्विमिंग कर रहा। हालांकि, एक बार इस खेल को छोड़ने का विचार भी मन में आया था, लेकिन परिस्थिति बदली और देखिए मैंने 7 गोल्ड सहित 9 मेडल जीते हैं।’

कोयंबटूर में थामा टेनिस रैकेट, लेकिन…
उन्होंने कहा, ‘मैं पहले कोयंबटूर में रहता था। यहां पिता एक कंपनी में मैनेजर थे। वह चाहते थे कि मैं स्पोर्ट्स में जाऊं तो बहुत कम उम्र में ही मुझे टेनिस का रैकेट पकड़ा दिया, लेकिन कोचेज का मानना था कि मैं इस खेल में अच्छा नहीं कर पाऊंगा तो स्विमिंग को जॉइन किया। सबसे पहले मुझे हरि सर ने कोचिंग दी। उनकी देखरेख में जूनियर लेवल पर मैंने अच्छा किया तो उन्होंने कहा कि एडवांस ट्रेनिंग के लिए मुझे चेन्नई या बेंगलुरु जाना चाहिए।’

द्रोणाचार्य अवॉर्डी कोच प्रदीप ने गढ़ी जिंदगी
बेंगलुरु आना किस तरह उनका जीवन बदलने वाला रहा इस बारे में वह कहते हैं, ‘यहां आकर मैंने द्रोणाचार्य अवॉर्डी स्विमिंग कोच प्रदीप कुमार सर को जॉइन किया। उन्होंने मुझे बहुत मदद की। यही वजह है कि मैं 2018 में एक कंपनी स्कॉलरशिप के तहत साउथ अफ्रीका ट्रेनिंग के लिए गया। वहां जाना अच्छा अवसर साबित होता, लेकिन डाइट अच्छी नहीं मिलने से मेरा प्रदर्शन गिरता ही चला गया। मैं निराश हो गया था। मुझे स्वदेश लौटना पड़ा।’

MBA के साथ ऐसे लहराया खेल में परचम
उन्होंने बताया, ‘2017 में बेंगलुरु वापस लौटने के बाद 6 महीने में ही मेरा प्रदर्शन फिर से ठीक होने लगा तो मैंने अपना विचार बदला। जैन यूनिवर्सिटी से MBA कर रहा हूं। यहां मुझे काफी मदद मिली। डाइट अच्छा होने के साथ मुझे आर्थिक स्वतंत्रता भी मिली। मैंने अपने गेम पर फोकस करना शुरू किया। यहां प्रोफेसर भी अच्छे हैं। मैं क्लास नहीं कर पाता हूं तो वे ऑनलाइन क्लास देकर पढ़ाई में काफी सपोर्ट करते हैं। एशियन चैंपिशिप की तैयारी कर रहा हूं, जिसके ट्रायल्स 2 महीने बाद राजकोट में होने हैं। उम्मीद है क्वॉलिफाइ कर लूंगा।’

इन इवेंट्स में मेडल्स
गोल्ड मेडल

  • 100 मीटर बैकस्ट्रोक (खेलो इंडिया रिकॉर्ड)
  • 200 मीटर बैकस्ट्रोक
  • 200 मीटर मीटर इंडिविजुअल मिडले (खेलो इंडिया रिकॉर्ड)
  • 400 मीटर इंडिविजुअल मिडले (खेलो इंडिया रिकॉर्ड)
  • 100 मीटर बटरफ्लाई (खेलो इंडिया रिकॉर्ड)
  • 400 X 100 मीटर फ्रीस्टाइल रिले
  • 400 X 200 मीटर फ्रीस्टाइल रिले

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *