नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े आईपीओ (IPO) पर आखिरकार सस्पेंस खत्म हो गया है। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आईपीओ (IPO) चार मई को खुलकर नौ मई को बंद हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक सरकार इसके जरिए कंपनी में अपनी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी और इससे उसे 21,000 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है। इस आईपीओ का निवेशकों के साथ-साथ एलआईसी के पॉलिसीहोल्डर्स (policyholders) को भी बेसब्री से इंतजार है। इसकी वजह यह है कि इसमें पॉलिसीहोल्डर्स के लिए भी कुछ हिस्सा रिजर्व रखा गया है। सवाल यह है कि क्या यह आईपीओ लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरेगा या इसका हश्र भी पेटीएम (Paytm) के आईपीओ जैसा होगा।
देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट्स कंपनी पेटीएम (Paytm) की पेरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस (One 97 Communications) का 18,300 करोड़ रुपये का आईपीओ पिछले साल नवंबर में खुला था। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था। बड़ी उम्मीदों के साथ निवेशकों खासकर नए निवेशकों ने पेटीएम के आईपीओ में पैसा लगाया था लेकिन अपने इस निवेश पर उन्हें 70 फीसदी से अधिक नुकसान हो चुका है। इसका इश्यू प्राइस 2,150 रुपये था लेकिन यह कभी भी उसके आसपास नहीं पहुंच पाया।
निवेशकों को पेटीएम के हरेक शेयर पर 1500 रुपये से अधिक का घाटा हो चुका है। पेटीएम की आईपीओ वैल्यूएशन 1.5 लाख करोड़ रुपये थी जो अब दो तिहाई से भी ज्यादा घटकर 40,100 करोड़ रुपये से भी नीचे आ गई है। आज सुबह साढ़े 11 बजे यह 3.21 फीसदी की तेजी के साथ 618.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। इसका 52 हफ्ते का उच्चतम स्तर 1961.05 रुपये और न्यूनतम स्तर 520 रुपये है। जानकारों का कहना है कि पेटीएम का आईपीओ नए निवेशकों के लिए एक सबक है।
पहले आए बड़े आईपीओ का हश्र
पेटीएम से पहले आए कई बड़े आईपीओ भी निवेशकों को फायदा देने में नाकाम रहे। पेटीएम से पहले देश के सबसे बड़े आईपीओ का ताज कोल इंडिया के सिर पर था। इसका 15,200 करोड़ रुपये का आईपीओ नवंबर 2010 में आया था। इसका इश्यू प्राइस 245 रुपये था और इसकी लिस्टिंग 17% के प्रीमियम के साथ 288 रुपये पर हुई थी। साल 2015 में यह 447 रुपये तक गया था लेकिन आज इसकी कीमत 190 रुपये रह गई है।
रिलायंस पावर ने बनाया कंगाल
अब कंगाल हो चुके अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पावर का 11,563 करोड़ का आईपीओ फरवरी 2008 में आया था। इसमें निवेशकों ने बढ़चढ़कर पैसा लगाया था। इसका इश्यू प्राइस 450 रुपये था और लिस्टिंग 22% के प्रीमियम पर 548 रुपये पर हुई। लेकिन आज इस शेयर की कीमत 14.49 रुपये रह गई है। यानी इस पर पैसा लगाने वाले निवेशक भी कंगाल हो चुके हैं। अक्टूबर 2017 में आए जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन (GIC) के 11,176 करोड़ रुपये के आईपीओ की भी काफी धूम रही थी। इसका इश्यू प्राइस 912 रुपये था और यह सात फीसदी के डिस्काउंट पर 850 रुपये पर लिस्ट हुआ था। आज इस शेयर का भाव 120.15 रुपये है।
सरकार ने लिया सबक
सरकार ने भी पेटीएम के आईपीओ से सबक लिया है। रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से दुनियाभर में कारोबारी माहौल सुस्त है। भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशक भी लगातार बिकवाली कर रहे हैं और उनका आकर्षण भारतीय शेयरों से घटता जा रहा है। यही कारण है कि सरकार एलआईसी के आईपीओ का आकार कम करने का फैसला किया है। सरकार ने फरवरी में एलआईसी में पांच प्रतिशत हिस्सेदारी यानी 31.6 करोड़ शेयर बेचने की योजना बनाई थी। इस बारे में मार्केट रेग्युलेटर सेबी (SEBI) के पास दस्तावेज भी जमा कराए गए थे। लेकिन अब इस इश्यू का साइज घटाकर 3.5 प्रतिशत करने का फैसला किया गया है।