जहांगीरपुरी में बुलडोजर ऑपरेशन पर ब्रेक, विवादों के बीच सुप्रीम कोर्ट का आदेश, जानें सुनवाई के दौरान क्या-क्या हुआ

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश जारी किया है. वकील दवे ने कहा कि कानूनन 5 से 15 दिन का नोटिस मिलना चाहिए था.

Jahangirpuri Demolition Drive: दिल्ली के जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण पर फिलहाल दो हफ्ते तक बुलडोजर नहीं चलाया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान यह अंतरिम आदेश जारी किया है. अब इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई  2 हफ्ते बाद होगी, फिलहाल कल का अंतरिम आदेश जारी रहेगा और यह आदेश सिर्फ दिल्ली के जहांगीरपुरी के लिए है.

जहांगीरपुर में हिंसा के बाद बुधवार चले बुलडोजर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से पक्ष रख रहे दुष्यंत दवे ने इसे राष्ट्रीय महत्व का मामला करार दिया. इसके साथ ही, उन्होंने एक समुदाय को निशाना बनाने का आरोप लगाया. सुनवाई के दूसरे दिन दुष्यंत दवे ने कहा कि पहले कभी भी इस तरह की कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने आगे कहा कि पुलिस ने हिन्दू पक्षे के ऊपर भी एफआईआर की है कि आपने बिना अनुमति यात्रा निकाली.

दूसरी तरफ, एल. नागेश्वर राव और बीआर गवई की सुनवाई कर रही बेंच से सॉलिसीटर जनरल कहा कि इनको केस के तथ्यों पर बात करने के लिए कहिए. यह भाषण का मंच नहीं है. इसके बाद जज ने कहा कि आप केस पर बात करिए. जस्टिस की तरफ से कहा गया कि अतिक्रमण हटाने पर रोक नहीं लगा सकते हैं. ये काम बुलडोजर से ही होता है.

वकील दवे ने कहा कि कानूनन 5 से 15 दिन का नोटिस मिलना चाहिए था. ऐसे मामलों में कई बार कोर्ट ने नोटिस की मियाद को बढ़ाया है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी नेता ने चिट्ठी लिखी और लोगों को बिना मौका दिए कार्रवाई शुरू हो गई. दिल्ली में 1731 अनधिकृत कॉलोनी है. लगभग 50 लाख लोग रहते हैं. लेकिन एक ही कॉलोनी को निशाना बनाया जा रहा है. दवे ने कहा कि 30 साल से ज़्यादा पुराने निर्माण को अचानक गिराना शुरू कर दिया.

 

जबकि, दूसरी तरफ कपिल सिब्बल ने कहा कि अतिक्रमण और अवैध निर्माण पूरे देश की समस्या है. लेकिन इसकी आड़ में एक समुदाय को निशाना बना रहे हैं. एमपी के मंत्री ने कहा कि अगर मुसलमान धार्मिक यात्रा पर हमला करेंगे तो उनसे कोई रियायत नहीं होगी. यह किसने तय कर दिया? यह कहां का कानून है? कहीं-कहीं तो समुदाय के लोगों को अपने इलाके में कैद से कर दिया गया है. यह समय है कि कोर्ट यह संदेश दे कि देश में कानून का शासन है.

किसने क्या दी दलील-

जस्टिस राव- हम देश भर में अतिक्रमण हटाने का अभियान रोकने का आदेश नहीं दे सकते.

सिब्बल- मैं बुलडोज़र की बात कर रहा हूँ। जिस तरह से सब हो रहा है, यह गलत है.

जज- यह काम बुलडोज़र से ही होता है। वैसे हम आपकी बात समझ गए.

अब दवे, पी वी सुरेंद्रनाथ, संजय हेगड़े, एम आर शमशाद बता रहे हैं कि कल आए कोर्ट के आदेश के बाद भी अभियान चलता रहा.

सॉलिसीटर जनरल- इलाके में 19 जनवरी से अभियान चल रहा है. अब एक संगठन (जमीयत उलेमा ए हिंद) मामले में कूद गया और मसले को जटिल बना रहा है. जनवरी से अब तक स्थानीय लोग हाई कोर्ट नहीं गए क्योंकि उन्हें पता है कि कागज़ दिखाने पड़ेंगे.

सॉलिसीटर- खरगौन में हिंदुओं की भी 88 संपत्ति तोड़ी गई है. इसके नोटिस 2021 में दिए गए थे. यह एक पैटर्न बन गया है कि कोई संगठन मामले में कूदता है, फिर इसे राजनीतिक मसला बना लिया जाता है.

कोर्ट- सभी लोग एक दूसरे की दलीलों पर जवाब दें. फिलहाल कल का अंतरिम आदेश जारी रहेगा. कोर्ट- हम सभी याचिकाओं पर नोटिस कर रहे हैं. 2 हफ्ते बाद सुनवाई होगी.

कोर्ट- अगर हमारे आदेश के बाद भी कार्रवाई चलती रही है तो हम इसे भी गंभीरता से लेते हैं – इसका मतलब यह है कि कल जो आदेश दिया था, उसके बाद भी कार्रवाई जारी रहने की जानकारी हमें दी गई है. इसे हम गंभीरता से ले रहे हैं. लेकिन इस सवाल को बाद में देखा जाएगा.

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