नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस के हमले के (Russia-Ukraine War) बीच वहां के कई इलाकों से खौफनाक तस्वीरें सामने आ रही हैं। खासकर बूचा (Bucha Genocide) से सामने आई खौफनाक तस्वीरों ने दुनिया में खलबली मचा दी है और रूस के खिलाफ युद्ध अपराधों के लिए मुकदमा और कठोर पाबंदी लगाने की मांग की गई है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में आज रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर मतदान (UNGA Vote Today) होना है। लिथुआनिया ने बिना उकसावे के यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए रूस को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) से बेदखल करने का प्रस्ताव पेश किया है। वोटिंग को लेकर भारत का क्या रूख रहता है इस पर भी नजर है। वहीं इस बीच बूचा नरसंहार को लेकर रूस ने उल्टा दांव खेल दिया है।
भारत में रूसी दूतावास की ओर से कहा गया है कि बूचा में जघन्य हमला द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नाजी अपराधों के बुरे सपनों को वापस लाया है। रूस इस अपराध में शामिल लोगों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए दृढ़ता से खड़ा है। मुख्य चुनौती वास्तव में स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करना है। रूसी दूतावास की ओर से कहा गया कि अफसोस की बात है कि मॉस्को के खिलाफ अब तक बड़े पैमाने पर खोखले आरोप लगे हैं, जबकि इस बात के सबूत हैं कि वास्तव में एक सनकी झूठा ऑपरेशन था जिसे कीव ने ही अंजाम दिया था। जब हम न्याय चाहते हैं तो इस सबूत को ध्यान में रखना बेहद जरूरी है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर प्रस्ताव को अमेरिका के नेतृत्व में पश्चिमी देशों का समर्थन प्राप्त होगा, वहीं रूस ने कहा है कि वोटिंग से दूर रहने वाले देशों को भी वह अपना विरोधी ही समझेगा। यूक्रेन के बूचा में काफी संख्या में शव मिलने से जुड़ी घटना पर भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा हम इन हत्याओं की निंदा करते हैं। हम इस घटना की स्वतंत्र जांच कराने के आह्वान का समर्थन करते हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूक्रेन की स्थिति पर लोकसभा में कहा कि भारत संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ है और तत्काल हिंसा समाप्त करने के पक्ष में हैं और इस मुद्दे पर उसने कोई पक्ष चुना है तो वह शांति का पक्ष है। भारत का रुख राष्ट्रीय विश्वास एवं मूल्यों, राष्ट्रीय हितों और राष्ट्रीय रणनीति के तहत निर्देशित है। हम संघर्ष के पूरी तरह से खिलाफ हैं। हम मानते हैं कि हिंसा एवं निर्दोष लोगों के जीवन की कीमत पर कोई समाधान नहीं निकल सकता।
जयशंकर ने कहा कि संवाद और कूटनीति ही एकमात्र उपाय है। वहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने यूक्रेन से संबंधित नवीनतम घटनाओं और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई भारत-अमेरिका टू प्लस टू विदेश और रक्षा मंत्री स्तरीय वार्ता का अगला चरण 11 अप्रैल को वाशिंगटन में निर्धारित है।