मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित किए गए कलेक्टर जनदर्शन कार्यक्रम में कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा के समक्ष लीलाराम द्वारा जमीन पर कब्जा ना मिलने पर मानसिक तनाव का हवाला देते हुए इच्छा मृत्यु हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था साथ ही अपनी मार्मिक स्थिति के संबंध में कलेक्टर के समक्ष अपनी दशा का बयान किया गया था। जिसे ध्यानपूर्वक सुनते हुए कलेक्टर ने सहानुभूति दर्शाते हुए मामले के संबंध में जानकारी ली।
मामले के संज्ञान लेने के पश्चात कलेक्टर ने एसडीएम गौतम चंद पाटिल को मामले की जांच के निर्देश दिए। एसडीएम के दिशानिर्देश पर तहसीलदार विजय मिश्रा सहित राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा उपरोक्त भूमि की जांच की गई। जिस पर विवादित भूमि पर आवेदक द्वारा पट्टा प्राप्त 30 वर्ग मीटर भूमि को चिन्हांकित कर कब्जा दिलाया गया एवं नगर पालिका अधिकारियों द्वारा उक्त भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवेदक को आबंटित आवास का तत्काल निर्माण कर देने की बात कही गयी साथ ही शेष भूमि पर मामला राजस्व न्यायालय में लंबित है, उस पर त्वरित सुनवाई की जाएगी। जिसके निर्णय उपरांत निर्णयानुसार कार्यवाही की जाएगी।
इस निर्णय के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा लीलाराम को अवगत कराते हुए उन्हें 30 वर्ग मीटर भूमि पर प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आवास निर्माण एवं चिन्हांकित अविवादित भूमि पर अधिकार सुनिश्चित करवाया गया। इसके पश्चात लीलाराम द्वारा उक्त कार्यवाही के संबंध में संतुष्टि जाहिर करते हुए आवास निर्माण का सहर्ष स्वागत किया गया। इस पर कलेक्टर द्वारा संवेदनशीलता का परिचय देते हुए लीलाराम के परिजनों से भी चर्चा करते हुए लीलाराम के स्वास्थ्य के प्रति चिंता व्यक्त करते हुए डॉक्टरों द्वारा उनकी स्वास्थ्य जांच करवाई गई एवं उनके मानसिक तनाव को देखते हुए उनकी मनोरोग विशेषज्ञों द्वारा जांच एवं परामर्श करवा कर दवाएं भी प्रदान करवायी।
ज्ञात हो कि लीलाराम द्वारा 03 माह पूर्व भी अतिक्रमण हटाने हेतु आवेदन दिया गया था। जिस पर तहसीलदार द्वारा तत्काल मौके पर जाकर जांच कर इनके नाम दर्ज भूमि का राजस्व रिकॉर्ड मिलते हुए अतिक्रमण हटाकर उन्हें कब्जा दिलाया गया था। जिसके बाद उन्होंने पुनः कुछ लोगों द्वारा कब्जा करने के सम्बंध में उन्होंने आवेदन मंगलवार को जनदर्शन में किया था।