दर्री स्थित बाल गृह में रहवासी बालक के नहर में डूबने के संबंध में कलेक्टर श्रीमती रानू साहू ने 3 सदस्यीय जांच दल गठित कर दी है। साथ ही बाल गृह संचालित करने वाले एनजीओ के जिम्मेदारों पर भी कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। कलेक्टर ने बालक के डूबने के मामले को गंभीरता से लेते हुए बाल गृह के अधीक्षक को हटाने के भी निर्देश दिए हैं। बालक के नहर में डूबने के मामले की जांच के लिए गठित जांच दल 2 दिन में संपूर्ण घटना की जांच कर प्रतिवेदन सौंपेगी। जांच में एनजीओ या उसके अधीक्षक की गलती पाई जाती है तो बाल गृह के संचालन से एनजीओ को पृथक करने का निर्णय लिया जाएगा। साथ ही भविष्य में अन्य बाल गृहों में इस प्रकार घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए उचित कार्यवाही की जा रही है। इस संबंध में जिला प्रशासन द्वारा समस्त एनजीओ की तत्काल बैठक बुलाई गई है। जांच दल में अपर कलेक्टर श्री सुनील नायक, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग श्री एमडी नायक एवं नगर पुलिस अधीक्षक दर्री सुश्री लितेश सिंह शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि सिंचाई कॉलोनी दर्री स्थित बालगृह(बालक) सोशल रिवाइवल ग्रुप ऑफ अर्बन रूरल एन्ड ट्राइबल(स्त्रोत) एनजीओ द्वारा संचालित हैं। इस बाल गृह में कक्षा सातवीं में अध्ययनरत 13 वर्षीय बालक महावीर घसिया पिता स्वर्गीय श्री प्रेमलाल घसिया बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार 14 मई 2015 से निवासरत था। बालक महावीर 19 फरवरी 2022 को लगभग सुबह 7 बजे अन्य बालक विक्की चौहान के साथ सायकल में शिव नगर नहर की ओर चला गया था। नहर में नहाते वक्त बालक महावीर घसिया नहर में डूब गया जिससे उसकी मृत्यु हो गई। बालक के नहर में डूबने की संपूर्ण घटना की जांच करने कलेक्टर ने समिति गठित की है।