कलेक्टर श्री रमेश कुमार र्श्माा के निर्देशानुसार बाल श्रमिक, अपशिष्ट संग्रहक, भिक्षावृत्ति में लिप्त ऐसे बच्चे जो बिना किसी सहारे के सड़कों पर अकेले रहते है, ऐसे बच्चें जो दिन में सड़कों में रहते है और रात में निकट के झुग्गी झोपड़ी बस्तियों मे रहने वाले अपने परिवार के पास घर वापस आ जाते है। अपने परिवार के साथ सड़कों में रहने वाले बच्चों के रेस्क्यू एवं संरक्षण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, नगर पालिका परिषद, पुलिस विभाग, श्रम विभाग, समाज कल्याण की संयुक्त रेस्क्यू दल का गठन जिला एवं विकास खण्ड स्तरीय किया गया है।
विकास खण्ड स्तरीय रेस्क्यू दल द्वारा आज विकास खण्ड पण्डरिया क्षेत्र में अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान के दौरान देखरेख एवं संरक्षण की आवश्यकता रखने वाले प्राप्त बच्चों को रेस्क्यू कर बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर संरक्षण एवं सुरक्षा प्रदान करने की प्रक्रिया की जाएगी साथ ही रेस्क्यू दल द्वारा अभियान दौरान भिक्षावृत्ति के संबंध मे जानकारी देते हुए जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियो द्वारा बताया गया कि 0 से 18 वर्ष तक के किसी भी बालक या बालिका के द्वारा भीख मांगना या मंगवाया जाना बाल भिक्षावृत्ति है। बाल भिक्षावृत्ति एक अपराध है, इससे बालको के मानसिक -शारीरिक व शिक्षा का स्तर निम्न हो जाता है, जिससे उनके अधिकारों का हनन होता है। बच्चो से भिक्षावृत्ति कराने वाले के विरुद्ध किशोर न्याय (बालको की देखरेख एवं संरक्षण) अधिनियम 2015 की धारा 76 (1) के तहत् पांच साल का कारावास या एक लाख रूपये तक अर्थदण्ड या दोनो से दण्डित करने का प्रावधान है। भिक्षावृत्ति करते हुए बच्चो को शिक्षा एवं समाज के मुख्य धारा में जोड़ने जागरूक किया जा रहा है। भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चे दिखाई देने या पाये जाने पर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग तत्काल सूचना देने अपील किया गया। उक्त अभियान मे जिला बाल संरक्षण इकाई से श्री राजाराम चन्द्रवंशी संरक्षण अधिकारी (गैर संस्थागत) श्री सुरेश साहू सामाजिक कार्यकर्ता, श्रीमति श्यामा धुर्वे आउटरीच वर्कर, श्रीमती उमा बल्ले सहायक उप निरीक्षक थाना पण्डरिया, श्री मनीष सिंह ठाकुर सहायक राजस्व निरीक्षक नगर पालिका परिषद कवर्धा उपस्थित थे।