लोगों को रोजगार दिलाने व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए शासन द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिससे लोग स्वावलंबी बन आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। रोजगार के क्षेत्र में महिलाएं भी पुरूषों से कदम से कदम मिलाकर अपनी किस्मत चमका रही हैं। इसी कड़ी में जिले की महिलाएं भी रोजगार के क्षेत्र में कदम बढ़ा रही हैं। दंतेवाड़ा जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र हैं। जहां विभिन्न जनजातिया प्राचीन काल से ही निवासरत हैं, जिन्होंने अपने सांस्कृतिक धरोहरों को संजोए रखा है, जिनका उनके जीवन में खास महत्व है। इसी सांस्कृतिक व पारम्परिक धरोहर की महत्ता को राज्य शासन ने समझा और उनकी सांस्कृतिक व परम्परा को सहेजने का जिम्मा उठाया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के मार्गदर्शन में तथा जिला प्रशासन के नेतृत्व में जिले के शत- प्रतिशत पंचायतों में देवगुड़ी का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें घेराव के लिए चेन लिंक फेंसिंग एवं सीमेंट पोल की आवश्यकता पड़ती है, जिसके लिए राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के स्व-सहायता समूहों द्वारा तारजाली एवं सीमेंट पोल का निर्माण किया जा रहा है। परिणामस्वरूप अब तक समूहों को 57 लाख 96 हजार 9 सौ रुपये का लाभ हुआ हैं। इस गतिविधि से जिले में 8 स्व-सहायता समूहों के 74 परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। अब वे स्वयं का व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन रही हैं। जो कि महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ते हुए कदम है। जिसमें जिले के स्थानीय लोगों की आस्था के साथ-साथ रोजगार भी प्राप्त हो रहा है।