“नौकरी का मतलब दफ्तर में काम ही नहीं…” : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया मोदी सरकार में कैसे आत्मनिर्भर बनेगा भारत?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “काम का मतलब सिर्फ नौकरी या दफ्तर में काम करना नहीं है. काम का मतलब रोजगार है. अपना कारोबार चलाना या स्टार्ट अप करना भी रोजगार है. मोदी सरकार कोई भी योजनाएं बनाने से पहले इस बात पर खासा जोर देती है कि नई योजनाओं से नए जॉब क्रिएशन पर क्या असर पड़ेगा?”

नई दिल्ली: 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance minister Nirmala Sitharaman)ने मोदी सरकार 2.0  (Modi Government 2.0)के अंतरिम बजट (Interim Budget 2024) में भविष्‍य की मजबूत नींव रखने की कोशिश की है. सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में बुनियादी ढांचे के खर्च को 11 फीसदी तक बढ़ाने की योजना बनाई है. वित्‍त मंत्री ने अगले पांच सालों की रूपरेखा तैयार की है. इसमें रोटी, कपड़ा, मकान, सेहत, शिक्षा और रोजगार का ध्‍यान रखा गया है. अंतरिम बजट 2024 को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NDTV से कहा कि मोदी सरकार ने अंतरिम बजट में ही भविष्य के नए भारत की नींव रख दी है. सीतारमण ने बताया कि बजट में ऐलान किए गए योजनाओं से रोजगार सृजन (Job Creation) में क्या मदद मिलेगी और भारत कैसे आत्मनिर्भर बनेगा.

NDTV के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “काम का मतलब सिर्फ नौकरी या दफ्तर में काम करना नहीं है. काम का मतलब रोजगार है. अपना कारोबार चलाना या स्टार्ट अप करना भी रोजगार है. मोदी सरकार कोई भी योजनाएं बनाने से पहले इस बात पर खासा जोर देती है कि नई योजनाओं से नए जॉब क्रिएशन पर क्या असर पड़ेगा? हर योजना पर पीएम पूछते हैं-कितनी नौकरी बनेगी? अगर आप में क्षमता है और आप अपना बिजनेस चलाना चाहते हैं, तो सरकार मदद करती है. हमारे पास ऐसी योजनाएं हैं. हमने सशक्तीकरण पर खासा जोर दिया है. प्राइवेट इन्वेस्टमेंट बढ़ाने पर सरकार काम करेगी.”

आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने और रोजगार पैदा करने के लिए मोदी सरकार ने मौजूदा बजट में पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में 11.1 फीसदी की बढ़ोतरी की है. वित्त मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर, एग्रिकल्चर, टूरिज्म, सोलर, फिशिंग, रिसर्च एंड डेवलपमेंट जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए कई उपायों की घोषणा की, जिससे रोजगार के मौके पैदा होंगे और इनकम बढ़ेगी.अंतरिम बजट में सरकार के वो ऐलान, जिनसे बनेंगे रोजगार के मौके:-

1. रूफटॉप सोलराइजेशन के जरिए 1 करोड़ परिवार हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली प्राप्त करने में सक्षम होंगे. इस योजना के माध्यम से सप्लाई और इंस्टॉलेशन के लिए बड़ी संख्या में लोगों की जरूरत होगी. जिससे रोजगार के मौके बनेंगे. मैन्युफैक्चरिंग, इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस में टेक्निकल स्किल रखने वाले युवाओं को रोजगार मिलेगा.

2. सरकार कृषि क्षेत्र में वैल्यू एडिशन और किसानों की इनकम बढ़ाने के प्रयास बढ़ाएगी. निर्मला सीतारमण ने कहा, “कृषि क्षेत्र की तेज वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए हमारी सरकार एग्रीगेशन, मॉर्डन वेयरहाउसिंग, सप्लाई चेन, प्राइमरी और सेकेंडरी प्रोसेसिंग, मार्केटिंग और ब्रांडिंग समेत फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को बढ़ावा देगी. इससे भी रोजगार के मौके बनेंगे.”

3. अंतरिम बजट में सरकार ने मत्स्य पालन को लेकर भी योजना का ऐलान किया है. इससे जल्द ही लगभग 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे, क्योंकि सरकार का लक्ष्य प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) के कार्यान्वयन को बढ़ाना है.

4. भारत के टेक्नोलॉजी फ्रेंडली युवाओं पर फोकस करते हुए सरकार ने अंतरिम बजट में “50 वर्षीय ब्याज मुक्त ऋण” के साथ 1 लाख करोड़ रुपये का एक फंड बनाने का ऐलान किया है. यह फंड लंबी अवधि और कम या जीरो ब्याज दरों के साथ लॉन्ग टर्म फंडिंग मुहैया कराएगी. इससे निजी क्षेत्र को रिसर्च और इनोवेशन को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.

5. इंफ्रास्ट्रक्चर में भी सरकार ने रोजगार को लेकर ऐलान किए हैं. पिछले 4 वर्षों में कैपिटल एक्सपेंडिचर 3 गुना होने से आर्थिक विकास और रोजगार सृजन पर कई गुना प्रभाव पड़ा है. अगले वर्ष के लिए कैपिटल एक्सपेंडिचर 11.1 फीसदी बढ़ाकर 11.11 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है. यह जीडीपी का 3.4 फीसदी होगा.

6. घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने अंतरिम बजट में लक्षद्वीप समेत भारतीय द्वीपों पर बंदरगाह कनेक्टिविटी, पर्यटन बुनियादी ढांचे और सुविधाओं के लिए परियोजनाएं शुरू करने का ऐलान किया. इससे रोजगार पैदा करने में मदद मिलेगी.

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