पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कार्य समिति के विभिन्न सदस्य शिरकत की.
नई दिल्ली:
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की गुरुवार को बैठक हुई. बैठक में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली हार पर चर्चा हुई. इस दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में जीत हासिल करने के लिए क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाने पर जोर दिया. पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और कार्य समिति के विभिन्न सदस्यों ने शिरकत की थी. मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी सहित पार्टी के अन्य नेताओं ने 2024 के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी एकता पर जोर दिया.
सूत्रों का कहना है कि राहुल गांधी ने सवाल किया कि राज्य इकाइयां बीजेपी को हराने के लिए छोटी पार्टियों के साथ समझौता करने के लिए तैयार क्यों नहीं हैं. कांग्रेस पार्टी का मानना है कि तीन राज्यों में मिली हार का मुख्य कारण छोटी पार्टियों को मिलने वाले वोटों का भाजपा की ओर जाना है. ऐसे में राहुल गांधी ने क्षेत्रीय दलों से हाथ मिलाने पर जोर दिया.
मध्य प्रदेश के स्पष्ट संदर्भ में, जहां कमलनाथ ने समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के साथ गठबंधन की बात को खारिज करते ‘अखिलेश-वखिलेश’ कहा था, उसपर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस को छोटे दलों के साथ सीट-बंटवारे पर सहमत होना चाहिए था. बीजेपी के खिलाफ लड़ाई में वोट का हर प्रतिशत मायने रखता है.
राहुल गांधी को यह भी लगा कि पार्टी ने तीन राज्यों में ठीक से प्रचार नहीं किया और उन्होंने तेलंगाना का उदाहरण दिया, जहां कांग्रेस ने दमदार जीत हासिल की है.
मल्लिकार्जुन खरगे ने कथित तौर पर इस विचार का समर्थन किया और कहा कि पार्टी के व्यापक हित में चार या पांच सीटें छोड़ना कोई मुद्दा नहीं होना चाहिए था.
कांग्रेस प्रमुख ने पार्टी को स्पष्ट संदेश भेजा है कि राज्य चुनाव के फैसले से सबक सीखा जाना चाहिए और बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से मुकाबला करने के लिए कांग्रेस को इंडिया गठबंधन के साथ एकजुट होकर लड़ना होगा.