CJI ने कहा कि यह एक प्रवृत्ति बन गई है कि वकील कहते हैं कि वे चाहते हैं कि यह विशेष जज मामले की सुनवाई करे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसे पत्रों के लिए सबसे अच्छा तरीका उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाए.
नई दिल्ली :
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल आधार पर जैन की अंतरिम जमानत को 8 जनवरी तक बढ़ा दिया है. अब इस मामले को लेकर अदालत में 8 जनवरी को सुनवाई होगी. इससे पहले CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए जैन की याचिका को सूचीबद्ध करने के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया. CJI चंद्रचूड़ ने उस वक्त तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की जब जैन का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मामले का उल्लेख किया और जस्टिस एएस बोपन्ना के छुट्टी से लौटने तक जस्टिस त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष सूचीबद्ध मामले की सुनवाई को स्थगित करने की मांग की. सिंघवी ने मांग की कि जस्टिस बोपन्ना की अध्यक्षता वाली मूल पीठ इस मामले की सुनवाई करे.
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि सत्येन्द्र जैन से जुड़े कागजात पढ़े हैं, रजिस्ट्री पर आरोप लगाना आसान है. चिकित्सा कारणों से जस्टिस बोपन्ना ने दिवाली की छुट्टियों के बाद से कोर्ट आना फिर से शुरू नहीं किया है, उन्होंने रजिस्ट्री से सभी आंशिक सुनवाई वाले मामलों को उनसे वापस लेने का अनुरोध किया है. इसलिए यह जस्टिस बेला एम त्रिवेदी के समक्ष है जो मूल पीठ का हिस्सा हैं. सिंघवी ने कहा इसीलिए मैंने अनुरोध किया था कि चूंकि मैंने जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस त्रिवेदी के समक्ष लंबी बहस की है, इसलिए मैं उस पीठ के लिए अनुरोध कर रहा हूं और इस मामले को जनवरी में सुना जाए.
CJI ने कहा कि यह एक प्रवृत्ति बन गई है कि वकील कहते हैं कि वे चाहते हैं कि यह विशेष जज मामले की सुनवाई करे. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि ऐसे पत्रों के लिए सबसे अच्छा तरीका उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाए.
इसके साथ ही CJI ने सिंघवी से कहा कि मुझे लगता है कि आप यह कहने वाले आखिरी व्यक्ति होंगे कि मैं चाहता हूं कि यह विशेष जज मेरे मामले की सुनवाई करे.
CJI ने दोहराया कि जस्टिस त्रिवेदी तय करेंगी कि मामले में क्या करना है और सुनवाई कैसे होनी चाहिए और हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया
जैन मई 2023 से अंतरिम जमानत पर हैं. ईडी ने उनकी जमानत रद्द करने और जैन को आत्मसमर्पण करने का निर्देश देने की मांग करते हुए कहा था कि वह 6 महीने से अधिक समय से मेडिकल जमानत पर हैं.
जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ के समक्ष जैन के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बाथरूम में जैन के गिरने और पीठ में चोट की बात बताई. इस दलील के खिलाफ ASG एसवी राजू ने कहा कि इस कहानी में झोल है. जब गिरने की कहानी बताई जा रही है, उसका कोई सही मेडिकल ब्योरा नहीं है. कोर्ट को भी अलग जानकारी दी गई. अदालत ने कहा कि रिपोर्ट के दस्तावेज अंतिम समय में दिए गए. आठ जनवरी को इस मामले की अगली सुनवाई तय की गई है.