AAP और दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार फिर आमने-सामने हैं. इस बार मुद्दा द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए NHAI द्वारा अधिग्रहीत की जा रही भूमि के एक प्लॉट से जुड़ा है.
नई दिल्ली :
आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार एक बार फिर आमने-सामने नज़र आ रहे हैं. इस बार मुद्दा द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा अधिग्रहीत की जा रही भूमि के एक प्लॉट का कथित तौर पर बढ़ा हुआ मूल्यांकन है.
दिल्ली के तिमारपुर से AAP विधायक दिलीप पाण्डेय ने मीडिया रिपोर्ट का लिंक शेयर करते हुए ट्वीट किया, “ये चौंकाने वाला खुलासा है. दिल्ली सरकार और अरविंद केजरीवाल के काम रोक कर, सरकार द्वारा दिल्ली वालों के सेवा के काम रोक कर, आपको ये अधिकार कैसे मिल जाता है कि आप सैकड़ों करोड़ का घोटाला कर सकते हैं…” दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी इस मामले को बहुत चौंकाने वाला बताया है.
इसी मुद्दे को लेकर ग्रेटर कैलाश से AAP विधायक और दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा, “पिछले साल याचिका समिति ने CS श्री नरेश कुमार पर बेहद गंभीर सवाल उठाए थे. और अब ये…” दिल्ली के बुराड़ी से AAP विधायक संजीव झा ने भी ट्वीट कर कहा, “मैं दावे से कह सकता हूं कि इसको कोई एजेंसी जांच नहीं करेगी, बल्कि तोहफ़े में चीफ सेक्रेटरी का कार्यकाल बढ़ाया जाएगा.”
आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा, “ये बेहद चौंकाने वाला मामला है!” वहीं, मुस्तफाबाद से विधायक हाजी यूनुस और दिल्ली के आप विधायक दुर्गेश पाठक ने भी इस मामले पर ट्वीट कर इसे बेहद चौंकानेवाला बताया है.
यह है पूरा मामला
AAP नेता दरअसल एक ख़बर पर रिएक्ट कर रहे हैं. छपी रिपोर्टों के मुताबिक इस साल मई में दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के जिला मजिस्ट्रेट (DM) ने एक सड़क परियोजना के लिए बामनोली गांव में 19 एकड़ ज़मीन के लिए दो व्यक्तियों को 18.54 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजे के रूप में 353 करोड़ रुपये दिये. NHAI ने द्वारका एक्सप्रेसवे के लिए जमीन का अधिग्रहण किया. ऐसा करते हुए DM हेमंत कुमार ने निर्णायक प्राधिकारी, अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट के 2018 के फैसले को पलट दिया, जिसमें भूमि के उसी टुकड़े के लिए 41.52 करोड़ रुपये का मुआवजा दिया गया था. अधिकारियों द्वारा प्लॉट के मुआवज़े में नौ गुना की भारी वृद्धि को सही ठहराया गया है. इसके पीछे आधार दिया गया है कि भूमि को आवासीय क्षेत्र माना जाता था, कृषि योग्य नहीं, जैसा शुरू में बताया गया था. इसलिए इसकी भरपाई ऊंची दर से करने की जरूरत है. बढ़ा हुआ मुआवजा पाने वालों में सुभाष चंद कथूरिया और उनके भाई विनोद कथूरिया हैं.
सुभाष चंद कथूरिया, अमन सरीन के ससुर हैं, जो रियल्टी फर्म अनंतराज लिमिटेड के प्रोमोटर हैं. कथित तौर पर सरीन के करन चौहान से करीबी कारोबारी रिश्ते हैं. करन चौहान मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नरेश कुमार ने कहा है कि उनका बेटा उन पर डिपेडेंट नहीं है. उन्होंने यह भी कहा है कि वह सुभाष कथूरिया और अनंत राज हाउसिंग लिमिटेड के बीच रिश्तों से अनभिज्ञ हैं.