यूएपीए के तहत दायर एक मामले में समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन (एचआर) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था.
नई दिल्ली:
दिल्ली हाईकोर्ट समाचार पोर्टल ‘न्यूजक्लिक’ के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती की गिरफ्तारी के खिलाफ दाखिल एक याचिका पर आज यानी शुक्रवार को सुनवाई करने पर सहमत हो गया. न्यूजक्लिक पर भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने का आरोप है. NDTV के पास इस मामले की एफआईआर की कॉफी है. एफआईआर के मुताबिक, चीन से जुड़ी संस्थाओं के साथ कथित संबंधों के लिए न्यूज़ वेबसाइट न्यूज़क्लिक की जांच की जा रही है. न्यूजक्लिक पर “भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बाधित करने” की साजिश का आरोप लगाया गया है.
एफआईआर में न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, वेबसाइट के मानव संसाधन (एचआर) विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती और कई पत्रकारों और सोशल एक्टिविस्ट के नाम शामिल हैं और उन पर “भारत के खिलाफ असंतोष पैदा करने” और “देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने” की कोशिश करने का आरोप लगाया गया है.
पुलिस अधिकारियों ने बताया था कि मंगलवार को ‘न्यूज क्लिक’ से जुड़े 46 पत्रकार और योगदान दाताओं से पूछताछ की गई थी और लैपटॉप एवं मोबाइल फोन सहित डिजिटल उपकरणों तथा दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया गया था. पत्रकार निकायों ने बृहस्पतिवार को पत्रकारों के परिसरों पर पुलिस की छापेमारी पर चिंता जताई और सरकार से निष्पक्ष जांच सुनिश्चित करने की अपील की. उनका कहना था कि सरकार को प्रेस की आजादी का सम्मान करना चाहिए.
एफआईआर में ये कहा गया है, “… सीक्रेट इनपुट प्राप्त हुए हैं कि विदेशी संस्थाओं द्वारा भारत में अवैध रूप से करोड़ों रुपये की विदेशी धनराशि का निवेश किया गया है… अप्रैल 2018 से मेसर्स पीपीके को करोड़ों रुपये की ऐसी धोखाधड़ी से धनराशि प्राप्त हुई. न्यूजक्लिक स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड ने पांच साल की छोटी अवधि के दौरान अवैध तरीकों से करोड़ों रुपये की राशि प्राप्त की…”
दस्तावेज़ में दावा किया गया है, “नेविल रॉय सिंघम द्वारा धोखाधड़ी से विदेशी धन का निवेश किया गया था. वह एक अमेरिकी करोड़पति हैं, जिनको चीनी सरकार की मीडिया मशीनरी से करीबी संबंध बताए जाते हैं. एफआईआर में दावा किया गया है कि फंड को “गुप्त तरीके” से चीन से भेजा गया और पेड न्यूज के लिए इसका इस्तेमाल हुआ. पेड न्यूज में जानबूझकर… घरेलू नीतियों, भारत की विकास परियोजनाओं की आलोचना की गई…”.
बता दें कि नेविल रॉय सिंघम पर सिर्फ भारत के खिलाफ काम करने का आरोप नहीं है. चीन के शंघाई में स्थित इस कारोबारी का नाम द न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में भी लिया गया था. इस रिपोर्ट में दावा किया गया कि नेविल रॉय सिंघम के पास चीन के प्रचार का समर्थन करने वाला एक विश्वव्यापी वित्तीय नेटवर्क है.