राम वनगमन पर्यटन पथ में शामिल रामगढ़ में श्री राम वाटिका एवं अधोसंरचना विकास कार्यों का लोकार्पण
सरगुजा में प्राकृतिक सौंदर्य की बड़ी विरासत, पर्यटन के साथ अधोसंरचना का भी हुआ विकास – उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव
राम वनगमन पर्यटन परिपथ ने सरगुजा को दी धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन मानचित्र में अमिट पहचान
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी राम वनगमन पर्यटन परिपथ में शामिल सरगुजा का रामगढ़ आज से भगवान श्रीराम को समर्पित हुआ। उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने आज रामगढ़ में भगवान श्री राम की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। उन्होंने इसके साथ ही श्री राम वाटिका, राम वनगमन पर्यटन परिपथ के अंतर्गत छह करोड़ 76 लाख रुपए की लागत के टूरिस्ट इनफॉर्मेशन सेंटर, पब्लिक अप्रोच रोड डेव्हलपमेंट, कॉटेज व डॉरमेट्री सहित विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण किया। उप मुख्यमंत्री श्री सिंहदेव ने इस मौके पर वहां श्री राम वाटिका में ‘सप्तसुर’ का पौधा रोपित किया।
उप मुख्यमंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने लोकार्पण कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़, खासकर सरगुजा संभाग प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है। राम वनगमन पर्यटन परिपथ की परिकल्पना के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए श्री सिंहदेव ने कहा कि बेहतर राज्य और जन हित के लिए हमारी जो परिकल्पना थी, उसमें रोजगार और विकास के अवसर के साथ ही पर्यटन में रोजगार के अवसर निकालने पर भी विचार किया गया जिसका परिणाम आज सभी के सामने है। आज भगवान राम की प्रतिमा को देख कर हम उनका स्मरण कर रहे हैं। प्रयास है कि जल्द ही यहां दरबार का स्वरूप भी दें।
श्री सिंहदेव ने कहा कि पूरे क्षेत्र में रामायण से जुड़ी कथाएं प्रचलित हैं। बाहर के पर्यटकों को भी यहां लाया जा सके, इसके लिए निरंतर सुगम आवागमन तैयार किया जा रहा है। शुभ अवसर पर काम करें तो निश्चित सफलता प्राप्त होगी। राम जी यहां स्थापित हो गए हैं, अब उनकी कृपा से सरगुजा को एक नई पहचान मिलेगी। सरगुजा में सीताबेंगरा, सीता चूल्हा सहित अनेक ऐतिहासिक व आस्था केंद्र हैं। इनके विकास के लिए लगातार हमारी सरकार काम कर रही है। अब रामगढ़ पहाड़ी में जाना आसान हो गया है। सरकार ने बुनियादी जरूरतों को पूरा कर सुविधाएं भी बढ़ाई हैं।
खाद्य एवं संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत ने कार्यक्रम में कहा कि भगवान श्रीराम के 14 बरस के वनवास काल के दौरान रामगढ़ में उनके चरण कमल पड़े, जो पूरे सरगुजा के लिए सौभाग्य की बात है। रामायण के प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अपने वनवास के दौरान प्रभु श्री राम का आदिवासी जनों से करीबी संबंध रहा। भारत सहित पूरे विश्व में माता कौशल्या मन्दिर कहीं बना है तो वह छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी राम वनगमन पर्यटन परिपथ योजना ने छत्तीसगढ़ को धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के मानचित्र में अमिट पहचान दी है।
लुण्ड्रा के विधायक डॉ. प्रीतम राम ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पावन स्थली रामगढ़ में आज विभिन्न कार्यों का लोकार्पण किया गया है। राम वनगमन पथ शासन की महत्वाकांक्षी योजना है जो सरगुजा में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने कहा कि सरगुजा में आवागमन की सुविधाओं को निरंतर विस्तार दिया जा रहा है जिससे पर्यटक आसानी से यहां पहुंच सके और सरगुजा की सुंदरता को करीब से देख सकें। छत्तीसगढ़ पर्यटन मण्डल के अध्यक्ष श्री अटल श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि सरगुजा बहुत सुंदर जगह है। पर्यटन की दिशा में हम लोग लगातार काम कर रहे हैं ताकि यहां के सांस्कृतिक, धार्मिक व पर्यटन स्थल को जानने, देखने के लिए देश-विदेश के लोग आएं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार ने आदिवासियों की बेहतरी के लिए अनेक योजनाएं शुरू की हैं। इसी कड़ी में भगवान श्रीराम के पदचिन्हों को सँवारने का काम किया जा रहा है। इसे सीतामढ़ी से सुकमा तक राम वनगमन पर्यटन परिपथ के रूप में विकसित किया जा रहा है।
श्रम कल्याण मंडल के अध्यक्ष श्री शफी अहमद, छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की उपाध्यक्ष श्रीमती चित्ररेखा साहू, छत्तीसगढ़ खाद्य आपूर्ति एवं संरक्षण आयोग के सदस्य श्री अभिषेक सिंह, छत्तीसगढ़ महिला आयोग की सदस्य श्रीमती रीता विश्वकर्मा, राज्य कृषक कल्याण परिषद के सदस्य श्री संजय गुप्ता, कलेक्टर श्री कुंदन कुमार और पुलिस अधीक्षक श्री सुनील शर्मा सहित अनेक स्थानीय जन प्रतिनिधि, गणमान्य नागरिक और अधिकारी बड़ी संख्या में कार्यक्रम में मौजूद थे।