पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पिछले साल 16 मई को पार्टी के “चिंतन शिविर” यानी उस विचार-मंथन बैठक के एक दिन बाद कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसमें चुनावी हार और आंतरिक संकटों के सिलसिले को लेकर पार्टी के पुनरुद्धार पर चर्चा की गई थी.
मुंबई:
मुंबई में विपक्ष की बैठक ‘द इंडिया कॉन्क्लेव’ में कांग्रेस के पूर्व नेता कपिल सिब्बल की अप्रत्याशित प्रविष्टि से कांग्रेस के नेता नाराज थे. सूत्रों ने शुक्रवार को एनडीटीवी को यह जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि सिब्बल ने पिछले साल पार्टी छोड़ दी थी क्योंकि वे “किसी भी पार्टी के साथ नहीं रहना चाहते थे.” वे मुंबई बैठक में आधिकारिक आमंत्रित सदस्य नहीं थे. उनकी उपस्थिति ने उनके पूर्व सहयोगियों को नाराज कर दिया है.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने विपक्षी नेताओं के फोटो सेशन से पहले सिब्बल की महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री उद्धव ठाकरे से शिकायत की है. ठाकरे की शिव सेना (यूबीटी) ‘इंडिया’ गठबंधन बैठक की मेजबानी कर रही है.
अन्य वरिष्ठ नेताओं – नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की और वेणुगोपाल को एक बैठक, जिसका उद्देश्य अगले साल के चुनाव से पहले सभी विपक्षी राजनेताओं को एकजुट करना है, में सिब्बल की उपस्थिति स्वीकार करने के लिए राजी किया. सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.
फिर आख़िरकार सिब्बल, जो कि अब एक स्वतंत्र राज्यसभा सांसद हैं, को भी फोटो सेशन का हिस्सा बनाया गया.
समाचार एजेंसी पीटीआई द्वारा एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए 20 सेकंड के वीडियो में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले सिब्बल का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए दिख रही हैं.
वीडियो में ठाकरे और शिव सेना (यूबीटी) के संकटमोचक संजय राउत एक व्यक्ति से गंभीरता से बात करते हुए भी दिख रहे हैं, जो कि वेणुगोपाल प्रतीत हो रहे हैं. राउत बातचीत में गंभीर हैं और कभी-कभी सिब्बल (अब ऑफ-कैमरा) की ओर इशारा करते हैं.
बैठक के अन्य दृश्यों में सिब्बल पंजाब के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता भगवंत मान से बात करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं.
पटना और बेंगलुरु की बैठकों के बाद, (अब) 28- विपक्षी पार्टियां के ‘इंडिया’ ग्रुप ने मुंबई में अपनी तीन दिवसीय बैठक शुरू की. इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी का मुकाबला करने की योजना पर विचार किए जाने की उम्मीद है.
जिन अन्य प्रमुख निर्णयों की घोषणा की जा सकती है उनमें नए ग्रुप का लोगो, प्रवक्ताओं की नियुक्ति और विभिन्न विभागों को संभालने के लिए सब-ग्रुप शामिल हैं. न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर भी चर्चा हुई है. अटकलें लगाई जा रही हैं कि गठबंधन का प्रधानमंत्री पद का चेहरा कौन हो सकता है.
फ्लैशबैक: जब कपिल सिब्बल ने कांग्रेस छोड़ी
पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पिछले साल 16 मई को पार्टी के “चिंतन शिविर” यानी उस विचार-मंथन बैठक के एक दिन बाद कांग्रेस छोड़ दी थी, जिसमें चुनावी हार और आंतरिक संकटों के सिलसिले को लेकर पार्टी के पुनरुद्धार पर चर्चा की गई थी.
कपिल सिब्बल सहित कांग्रेस के 23 असंतुष्ट नेताओं के समूह, जो कि “जी-23” का हिस्सा थे, ने कांग्रेस में व्यापक बदलाव का आह्वान किया था. कांग्रेस छोड़ने के महीनों बाद सिब्बल ने कहा था, “नेतृत्व (गांधी परिवार) मूर्खतापूर्ण स्थिति में है.”
उन्होंने तब एनडीटीवी को बताया, “यह हमेशा मुश्किल होता है जब आप इतने लंबे समय तक किसी पार्टी के साथ हों और उसकी विचारधारा से जुड़े हों. हर व्यक्ति को अपने बारे में सोचना होगा… उसके लिए कुछ अलग करने का समय आ गया है.”