माइक्रोसॉफ्ट के वॉयस चेयरमैन और प्रेसिडेंट ब्रैड स्मिथ ने कहा, “निश्चित तौर पर AI और ChatGPT दुनिया में क्रांति लाएंगे, लेकिन इसके लिए व्यापक कानूनी और नियामकीय ढांचा (legal and regulatory framework) बनाने की जरूरत है, ताकि AI ह्यूमन कंट्रोल में रहे.”
नई दिल्ली:
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (Artificial Intelligence-AI) दुनिया में तेजी से अपनी जगह बना रहा है. अब ज्यादातर कामों में AI का इस्तेमाल किया जा रहा है. बिजनेस बढ़ाने के लिए कंपनियां इसका इस्तेमाल कर रही हैं. ऐसे में नौकरियों पर खतरा बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है. हालांकि, माइक्रोसॉफ्ट के वाइस चेयरमैन और प्रेसिडेंट ब्रैड स्मिथ (Microsoft President Brad Smith) ऐसा नहीं मानते. उनके मुताबिक, AI चुनौती नहीं, बल्कि मौका है. NDTV से खास बातचीत में ब्रैड स्मिथ ने कहा, “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) विकास का एक सोर्स हो सकता है. यह भविष्य के लिए उतना ही महत्वपूर्ण होगा, जितना महत्वपूर्व प्रिंटिंग प्रेस का आविष्कार था.” ब्रैड स्मिथ अगले महीने होने वाले जी-20 समिट के लिए भारत आए हैं. इस समिट से पहले ग्लोबल बिजनेस लीडर्स ने दिल्ली में मुलाकात की.
ब्रैड स्मिथ ने इस दौरान AI के संभावित खतरों और ChatGPT जैसे जेनरेटर टूल के भविष्य पर भी बात की. NDTV से बातचीत में उन्होंने कहा, “निश्चित तौर पर AI और ChatGPT दुनिया में क्रांति लाएंगे, लेकिन इसके लिए व्यापक कानूनी और नियामकीय ढांचा (legal and regulatory framework) बनाने की जरूरत है, ताकि AI ह्यूमन कंट्रोल में रहे.”
माइक्रोसॉफ्ट के वॉयस चेयरमैन ब्रैड स्मिथ ने कहा, “मुझे लगता है कि AI एक डिवाइस है, जो लोगों को बेहतर ढंग से सोचने और अधिक तेज़ी से जवाब ढूंढने में मदद कर सकता है, लेकिन हमें खुद सोचना बंद नहीं करना चाहिए. AI हमें ज्यादा प्रोडक्टिव और ज्यादा कामयाब बना सकता है. यह हमें एक भाषा से दूसरी भाषा में ट्रांसलेट करने में मदद कर सकता है. मुझे लगता है कि यह ज्यादा विकास और ज्यादा नौकरियों के मौके बनाने में हमारी मदद कर सकता है.”