चंद्रयान-3 लैंडर के चंद्रमा पर पहुंचने से कुछ देर पहले कोलकाता में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की जगह गलती से बॉलीवुड अभिनेता-फिल्म निर्माता राकेश रोशन का जिक्र कर दिया.
भारत ने बुधवार को चंद्रयान-3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने की ऐतिहासिक उपलब्धि का जश्न मनाया. वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की गलती मजाक का नया मुद्दा बन गई. चंद्रयान-3 लैंडर के चंद्रमा पर पहुंचने से कुछ देर पहले कोलकाता में एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री बनर्जी ने अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा की जगह गलती से बॉलीवुड अभिनेता-फिल्म निर्माता राकेश रोशन का जिक्र कर दिया. जिसके बाद ये मुद्दा सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया.
पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने क्या कहा
सीएम ममता बनर्जी ने कहा, “पश्चिम बंगाल के लोगों की ओर से, मैं इसरो को अपनी अग्रिम बधाई भेजती हूं. वैज्ञानिकों को श्रेय मिलना चाहिए, श्रेय देश को जाना चाहिए. जब राकेश रोशन चंद्रमा पर उतरे, तो पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी ने उनसे पूछा कि वहां से भारत कैसा दिख रहा है. “ भारतीय वायु सेना के पायलट राकेश शर्मा 1984 में सोवियत संघ के सोयुज टी-11 अभियान के हिस्से के रूप में अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले भारतीय बने.
सोशल मीडिया पर वायरल ममता बनर्जी की गलती
अंतरिक्ष यात्री ने एक लाइव टेलीविज़न समाचार सम्मेलन के दौरान अंतरिक्ष से तत्कालीन प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी से बात की. इंदिरा गांधी ने तब राकेश शर्मा से पूछा, “ऊपर से भारत कैसा दिखता है आपको?” (अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है?) उन्होंने कवि इकबाल की फेमस लाइनों का जिक्र करते हुए जवाब दिया और कहा, “सारे जहां से अच्छा” (सारी दुनिया से बेहतर). पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की गलती सोशल मीडिया पर वायरल हो गई.
दूसरे नेता भी कर चुके हैं गलती
ममता बनर्जी चंद्रयान-3 पर अजीब बयान देने वाली इकलौती नेता नहीं है. राजस्थान के एक मंत्री ने चंद्रयान -3 मिशन के “यात्रियों” को बधाई दे डाली. समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से राजस्थान के खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा, “अगर हम सफल होते हैं और सुरक्षित लैंडिंग करते हैं, तो मैं यात्रियों को सलाम करता हूं. हमारा देश विज्ञान और अंतरिक्ष अनुसंधान में एक कदम आगे बढ़ गया है, मैं इसके लिए देशवासियों को बधाई देता हूं.”
रोवर प्रज्ञान अगले 14 दिनों या एक चंद्र दिवस तक चंद्रमा की सतह का पता लगाएगा, पृथ्वी पर वैज्ञानिकों को छवियां और डेटा भेजेगा.