चंद्रयान-3 की लैंडिंग के साथ इतिहास रचने की तैयारी: भारत के लिए “दहशत के 20 मिनट”

इसरो के मुताबिक़ अगर सब कुछ ठीक रहा तो 23 अगस्त को ही लैंडिंग होगी. ऐसा न होने पर 27 अगस्त को लैंडिंग का दूसरा विकल्प तैयार रहेगा. वैज्ञानिक लैंडर और चंद्रमा के हालात पर ग़ौर करने के बाद तारीख़ बढ़ाने का फ़ैसला लेंगे.

नई दिल्ली: 

देश बुधवार को सबसे दहशत वाले बीस मिनटों में से एक से गुजरेगा, जब विक्रम लैंडर शाम को चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग का प्रयास करने के लिए जाएगा. भारत का चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास प्रज्ञान रोवर के साथ विक्रम लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने का प्रयास करके इतिहास रचने के लिए पूरी तरह तैयार है. इसकी यात्रा के अंतिम बीस मिनट के रोमांचक क्षणों को आतंक के बीस मिनट के रूप में बताया जा रहा है, जो किसी टी-20 मैच के कड़े अंत की तरह हो सकता है.

चंद्रयान 3 की बात करते हैं जिस पर पूरी दुनिया की निगाह है..चांद की सतह पर लैंडिंग का दूसरा विकल्प भी तैयार रखा गया है. इसरो के मुताबिक़ अगर सब कुछ ठीक रहा तो 23 अगस्त को ही लैंडिंग होगी. ऐसा न होने पर 27 अगस्त को लैंडिंग का दूसरा विकल्प तैयार रहेगा. वैज्ञानिक लैंडर और चंद्रमा के हालात पर ग़ौर करने के बाद तारीख़ बढ़ाने का फ़ैसला लेंगे.

भारत का चंद्रयान-3… विक्रम लैंडर और उसके भीतर प्रज्ञान रोवर की चांद के दक्षिणी ध्रुव के क़रीब सॉफ़्ट लैंडिग करवा कर इतिहास रचने की कोशिश कर रहा है. लेकिन उससे पहले के बीस मिनट दहशत के 20 मिनट कहलाते हैं, पिछली बार चंद्रयान-2 यहीं लड़खड़ाया था. भारत दहशत के 20 मिनट की तैयारी कर रहा है.शानदार लिफ़्ट ऑफ़ के बाद इसरो के बाहुबली रॉकेट ने चंद्रयान-3 को धरती की कक्षा में रखा.चंद्रयान-3 ने धरती के कई चक्कर काटे और रफ़्तार बढ़ाई.1 अगस्त, 2023 को चंद्रयान को चांद की तरफ़ 3.84 लाख किलोमीटर के तनहा सफ़र के लिए धकेला गया.5 अगस्त, 2023, को चंद्रयान चांद की कक्षा में आहिस्ता से दाख़िल हुआ .

 प्रोपल्शन मोड्यूल का विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर से 17 अगस्त, 2023 को अलग होना  एक अहम क़दम था, जब उपग्रह 153 किलोमीटर गुना 163 किलोमीटर की कक्षा में था. जल्द ही विक्रम लैंडर चांद की सतह के क़रीब एक अंडाकार कक्षा में आता है जिसके बाद उतरने की तैयारी होती है. लैंडिंग के रोज़ दहशत के 20 मिनट शुरू होंगे.

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