Gyanvapi Masjid Case: मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की बेंच में हुई सुनवाई में मुस्लिम पक्ष का कहना था कि अगर हिंदू पक्ष के मुताबिक ये सर्वे हुआ तो मस्जिद की पूरी इमारत ख़त्म हो जाएगी. वहीं हिंदू पक्ष ने इस बात से इंकार किया.
ज्ञानवापी (Gyanvapi Case) ASI सर्वे मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है. ज्ञानवापी के ASI सर्वे पर आज फैसला आ सकता है. हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकील कोर्ट में मौजूद हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस इस मामले में सुनवाई कर रहे हैं. मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश की बेंच में हुई सुनवाई में मुस्लिम पक्ष का कहना था कि अगर हिंदू पक्ष के मुताबिक ये सर्वे हुआ तो मस्जिद की पूरी इमारत ख़त्म हो जाएगी. वहीं हिंदू पक्ष ने इस बात से इंकार किया. फिलहाल कोर्ट में सुनवाई जारी है…
मस्जिद कमेटी की दलील
1. 1669 में कोई मंदिर किसी बादशाह के आदेश से नहीं तोड़ा गया.
2. ज्ञानवापी मस्जिद 1000 साल से ज्यादा वहां मौजूद है.
3.कोर्ट कमिश्नर के सर्वे के दौरान शिवलिंग नहीं बल्कि फव्वारा मिला था.
4.राम जन्मभूमि के मामले में फैसले की परिस्थितियां अलग थी. राम मंदिर का उदाहरण ज्ञानवापी के मामले में नहीं दिया जा सकता है. जिस ज्ञानवापी मस्जिद के नीचे मंदिर होने की बात की जा रही है, वो मनगढ़ंत है.
5.हिंदू पक्ष की ये कल्पना है कि पश्चिमी दीवार और मस्जिद के ढांचे के नीचे कुछ मौजूद है. कल्पना के आधार पर ASI सर्वे की इजाजत नहीं दी जा सकती.
6.जिला जज द्वारा ASI सर्वे का आदेश देना गैरकानूनी है.
7. हिंदू पक्ष का दावा है कि प्लॉट नंबर 9130 पर ही 1585 में राजा टोडरमल ने मंदिर का निर्माण कराया और 1669 में उसे तोड़ दिया गया. उसी मंदिर में गौरी श्रृंगार, हनुमान और गणेश भगवान की पूजा की मांग महिलाएं कर रही हैं.
मुख्य न्यायाधीश ने दस्तावेज़ों को पढ़ना शुरू किया
- CJ – किस सेक्शन के तहत महिला पक्ष ने ASI सर्वे की मांग की गई है.
- कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि आप क्या अब इस तरह की दलीलें दे सकते हैं, जब सुनवाई पूरी हो गई है.
- मुस्लिम पक्ष ने कहा- सुनवाई पूरी नहीं हुई है.
- महिला भक्तों ने सीपीसी के सेक्शन 75 e के तहत जिला अदालत मुकदमा दायर किया था. इस सेक्शन के तहत कोर्ट के पास इस तरफ के सर्वे कराने की शक्ति है.
- मुस्लिम पक्ष : कोर्ट ने एप्लिकेशन फाइल होते ही सर्वे का आदेश पास कर दिया
- मुस्लिम पक्ष – महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि उनके पास सबूत नहीं हैं, और ASI को सबूत इकट्ठे करने चाहिए
- मुस्लिम पक्ष – महिला याचिकाकर्ताओं ने कहा कि वो मौखिक सबूतों के आधार पर तथ्य नहीं पेश किए जा सकते हैं
- याचिका के जरिए हिंदू पक्ष ने जिला कोर्ट से ही सबूत इकट्ठे करने की मांग की है
- मुस्लिम पक्ष – इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती है.आप सबूत इकट्ठा करने के लिए किसी और को नहीं कह सकते हैं. ये गैरकानूनी है.
- CJ ने मुस्लिम पक्ष के वकील से महिला याचिकाकर्ताओं की याचिका पढ़ने को कहा
- मुख्य न्यायाधीश ने पूछा कि क्या ये सर्वे सिर्फ ज्ञानवापी में हो रहा है, काशी विश्वनाथ में नहीं?
- CJ ने मुस्लिम पक्ष के वकील से महिला याचिकाकर्ताओं की याचिका पढ़ने को कहा
- मुस्लिम पक्ष : सर्वे का आदेश सिर्फ ज्ञानवापी के लिए है. मंदिर के लिए जो रास्ता जा रहा है, उसी के बीच मस्जिद है
- मुस्लिम पक्ष: हिंदू पक्ष की याचिका के हिसाब से महिला याचिकाकर्ताओं ने विरोधाभासी बयान दिया है.
- पहले पैराग्राफ में हिंदू पक्ष कहता है कि उनके पास सबूत मौजूद हैं. आखिरी पैराग्राफ में कहता है कि एएसआई को सबूत इकट्ठे करने चाहिए.
- कोर्ट ने पूछा कि अगर हिंदू पक्ष सबूत जुटाना चाहता है और कोर्ट इसकी इजाजत देता है तो इसमें समस्या क्या है? अगर इस स्टेज पर भी सबूत इकट्ठे हो जाएं तो क्या नुकसान होगा?
- मुस्लिम पक्ष ने जवाब दिया कि हिंदू पक्ष के पास अभी तक कोई सबूत नहीं है.
- हिंदू पक्ष – विष्णु जैन : हम बिल्डिंग में कोई खुदाई नहीं करेंगे. खाली पड़े हिस्से में खुदाई होगी
- जज ने पूछा कि क्या खुदाई जरूरी है?
- विष्णु : हां लेकिन मस्जिद के अंदर नहीं. ASI रडार मैपिंग करेगा. खुदाई की जरूरत परिस्थिति के हिसाब से ही होगी, वो भी अंतिम चरण में.
- कोर्ट ने पूछा कि आपने ASI को पार्टी क्यों नहीं बनाया जबकि आप बार-बार इसका संदर्भ दे रहे हैं.
- विष्णु: एक्सपर्ट का काम ओपिनियन देना होता है. बाद में उसका कोई अधिकार नहीं रह जाता है.
- कोर्ट ने पूछा कि एएसआई का कानूनी मत क्या है सर्वे को लेकर
- विष्णु : सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि एएसआई देश की सर्वोच्च सर्वे एजेंसी है और उसके ऊपर संदेह नहीं किया जा सकता है.
- कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को जिला अदालत में दाखिल जवाब को सामने रखने को कहा
- मुस्लिम पक्ष अब जिला अदालत में हिंदू पक्ष की याचिका को दिए गए जवाब को पढ़ रहे हैं
- कोर्ट ने विष्णु जैन और एडवोकेट जनरल से पूछा कि खुदाई का क्या मतलब होगा. जैन ने कहा कि खुदाई करके हम ट्रेंच बनाएंगे.
- कोर्ट टिप्पणी : न ही याचिका में न आदेश में कहीं लिखा है कि एएसआई द्वारा सर्वे कैसे किया जाएगा
- विष्णु जैन ने ऑर्डर पढ़ना शुरू किया, जिसमें जिला अदालत ने कहा है कि ढांचे को कोई नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए
- विष्णु : एक खाली पड़ा इलाका है, जिसे तथाकथित मस्जिद की पश्चिमी दीवार कहा जा रहा है
- कोर्ट ने कहा कि भले ही आप कह रहे आप मशीन का इस्तेमाल करेंगे, लेकिन एक्सकेवेशन का मतलब खुदाई ही होता है
- विष्णु जैन ने समझते हुए कहा कि मंदिर के गेट नंबर 4 से मस्जिद के बीच एक खाली इलाका है
- कोर्ट ने कहा कि आप या तो वीडियोग्राफी कराएं या बयान दर्ज कराएं कि मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा
- विष्णु जैन ने इस पर सहमति दर्ज कराई. बयान दर्ज
- कोर्ट ने फिर पूछा कि आप मस्जिद को किसी तरह से भी नुकसान नहीं पहुंचाएंगे,
- विष्णु : हामी भरी
- विष्णु ने कोर्ट के सामने सुझाव रखा
- कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम पक्ष सहमत नहीं
- मुस्लिम याचिका में साफ है कि तीन डोम के नीचे खुदाई होनी है. हमे हिंदू पक्ष की बात पर भरोसा नहीं
- कोर्ट की बड़ी टिप्पणी:
- जब आपको किसी पर भरोसा नहीं तो आप हमारे आदेश पर कैसे भरोसा करेंगे? आपका मानना है भरोसे के बाद भी नुकसान पहुंचाया जाएगा
- कोर्ट ने फिर कहा कि हम कुछ भी आदेश पास करें, उसे हिंदू पक्ष और एएसआई नहीं मानेगा?
- मुस्लिम: एएसआई के पास सर्वे करने का मैकेनिज्म नहीं है. हिंदू पक्ष का खुदाई पर जोर
- कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को डिक्शनरी देकर एक्जकेवेशन का मतलब पढ़ने को कहा
- मुस्लिम : इसका मतलब वो गहराई तक खुदाई करेंगे
- कोर्ट ने पूछा कि क्या बिल्डिंग गिर सकती है?
- मुस्लिम : हां ढांचा हजार साल पुराना, सिर्फ याचिका की मांग पर आदेश दिया गया, कोई सबूत नहीं.
- मुस्लिम पक्ष : जज के मन में क्या चल रहा था ये क्लियर नहीं. एएसआई की प्रशंसा ठीक, लेकिन इसके आधार पर सर्वे का आदेश नहीं दे सकते.
- हिंदू पक्ष ने साफ किया कि सील्ड एरिया में कोई भी सर्वे नहीं होगा.
- मुस्लिम पक्ष अगर सर्वे होता है तो सील्ड एरिया को भी नुकसान पहुंचेगा.
- लेकिन कोर्ट ने कहा कि जिला अदालत के फैसले में ऐसा कुछ नहीं है.
- कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि आपकी चिंता क्या मस्जिद के ढहने को लेकर है?
- मुस्लिम : Might fall, तय नहीं..
- मुस्लिम पक्ष ने कहा कि अगर मस्जिद गिरती है तो उसके जिम्मेदार विष्णु, AG होंगे
- कोर्ट ने कहा-आप ऐसे नहीं कह सकते हैं. वकील, AG और कोर्ट क्यों जिम्मेदार होगा
- कोर्ट की टिप्पणी: अदालत का सम्मान करते हुए कुछ भी तोड़ा नहीं जाएगा. इसको ऐसे समझा जा सकता है.
- ASI को कोर्ट ने बुलाया,कहा साइंटिफिक जांच होगी स्ट्रक्चर को नुकसान नहीं होगा.
- धरातल में क्या करेंगे – सीजे
- ASI – तकनीक का इस्तेमाल होगा
- हिंदू पक्ष बता रहा है कि कैसे सर्वे होगा, क्या होगा, कोई खुदाई नहीं, कार्बन डेटिंग. उद्देश्य ये है कि ढांचे को नुकसान न पहुंचे. कोर्ट ने कहा कि प्रोसेस समझाइए. कोर्ट ने कहा कि आपकी द्वारा बताई गई प्रक्रिया से संतुष्ट नहीं. मुस्लिम पक्ष ने सवाल उठाया कि हमें जिला अदालत के फैसले की कॉपी नहीं मिली तो एएसआई को कैसे सुबह ही सर्वे करने के लिए पहुंच गए.
- कोर्ट ने हिंदू पक्ष से कहा कि आप संतुष्ट करें कि कैसे इस समय ही सर्वे का एप्लीकेशन दिया जा सकता है?
- विष्णु ने कहा कि कोर्ट द्वारा सर्वे किसी भी स्टेज पर दिया जा सकता है इसलिए इश्यू फ्रेम करने की जरूरत नहीं है. कोर्ट ने पूछा कि जब 1993 तक पूजा होती रही तो आपके पास सबूत होने चाहिए. यूपी सरकार के वकील, पूजा अभी भी होती है, लेकिन सिर्फ चैत्र के महीने में.
- विष्णु जैन : हमारे अधिकार का लगातार हनन हो रहा है. पहले महिला भक्त मस्जिद परिसर में पूजा करती थीं, अब सिर्फ चतुर्थी पर. कोर्ट ने पूछा कि 1993 से अब तक आपके पास पर्याप्त सबूत होने चाहिए.
- विष्णु जैन: हमारे पास कुछ सबूत हैं. बाकी सर्वे का आदेश कभी भी दे सकते हैं.
- विष्णु: हमें पता नहीं कि सर्वे में क्या-क्या मिलेगा
- विष्णु : सर्वे होने दीजिए, ये कोर्ट पर है रिपोर्ट एक्सेप्ट करे या नहीं
- मुस्लिम पक्ष भी रिपोर्ट को मानने से इंकार कर सकता है
- विष्णु जैन: एएसआई के सर्वे की रिपोर्ट एक्सपर्ट ओपिनियन के दायरे में आती है
- विष्णु जैन ने बताया कि रामजन्मभूमि मामले में जैसे एएसआई का सर्वे हुआ था, हमें उस पर भरोसा है
- ASI की तरफ से एक वकील GPR की प्रक्रिया बता रहे हैं- कोर्ट ने पूछा कोई ड्रिलिंग होगी?
- डेमो दे रहे वकील ने कहा कि ड्रिलिंग नहीं होगी,जिस मशीन का इस्तेमाल होगा उसकी दुनिया भर में मान्यता है. 4 बजे के बाद कोर्ट ने एएसआई एक्सपर्ट बुलाने को कहा.
- कोर्ट ने विष्णु जैन को सर्वे वाले इलाके का मानचित्र समझाने को कहा
- वाराणसी में मौजूद ASI के एक अधिकारी कोर्ट में तब तक एफिडेविट देंगे कि मस्जिद के ढांचे को नुकसान नहीं पहुंचेगा.