पूर्वी दिल्ली के विश्वास नगर में DDA के अवैध निर्माण गिराने पर सुप्रीम कोर्ट ने 7 दिन की रोक लगाई

आज यानी 22 मई को सुबह 8 बजे से डीडीए तोड़फोड़ अभियान चला रहा है. इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दाखिल की गई थी. डीडीए की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) मार्च में ही अवैध निर्माण वालों की याचिका खारिज कर चुका है.

नई दिल्ली: 

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इस इलाके में डीडीए (DDA) द्वारा अवैध निर्माण हटाए जाने पर सात दिन के लिए रोक लगा दी है. अदालत ने कहा कि लोग खुद अपने घर खाली कर दें. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने डीडीए तोड़फोड़ पर रोक लगाने से इनकार किया है. कहा कि 29 मार्च के बाद डीडीए तोड़फोड़ अभियान शुरू कर सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने लोगों के पुनर्वास (Rehabilitation) के सवाल पर डीडीए को नोटिस जारी किया है. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सिर्फ पुनर्वास के मामले पर ही सुनवाई करेंगे.

दरअसल आज सुबह 8 बजे से डीडीए तोड़फोड़ अभियान चला रहा है. इसी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी. डीडीए की ओर से सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली हाईकोर्ट मार्च में ही अवैध निर्माण वालों की याचिका खारिज कर चुका है. अदालत ने कहा कि वह हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने का इच्छुक नहीं है, लेकिन डीडीए तुरंत अपना तोड़फोड़ अभियान रोके ताकि लोग खुद निर्माण खाली कर दें.

एक हफ्ते बाद डीडीए यह तोड़फोड़ अभियान फिर से चला सकता है. अदालत केवल लोगों के पुनर्वास के मुद्दे पर ही विचार करेगी. मामले की सुनवाई जुलाई में होगी. याचिका में कहा गया है कि इतनी भीषण गर्मी में लोगों को बेघर कर दिया जाएगा, जबकि उनके पास रहने का कोई विकल्प नहीं है.

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