ऐसा माना जाता है कि म्यूचुअल फंड निवेश में बहुत जोखिम होता है क्योंकि यह शेयर बाजार में निवेश के समान है. ऐसी धारणा है कि म्यूचुअल फंड निवेश केवल इक्विटी बाजार में निवेश करता है. हकीकत यह नहीं है.
नई दिल्ली:
म्यूचुअल फंड का बाजार तेजी से बढ़ता जा रहा है. लोगों को निवेश के विकल्प चाहिए. निवेश का मतलब साफ है कि आपके पास अपनी आम जरूरतों और खर्चों के अलावा जो बच रहा है वह आपकी बचत है और आप अपनी बचत को निवेश करना चाहते हैं. इसके लिए आप का ध्येय साफ होता है कि आपको बेहतर रिटर्न मिलना चाहिए. यह देखा जाता है कि आम तौर पर निवेश से पहले एक व्यक्ति के मन में जो विचार आते हैं उनमें सबसे अहम पैसों की सुरक्षा, बेहतर रिटर्न और समयावधि होते हैं. ऐसे में इन सभी पहलुओं पर विचार करने के लिए बाद निवेश की योजना तैयार की जाती है. आज के जमाने में वित्तीय जानकार हमेशा से यह कहते आए हैं कि किसी भी व्यक्ति को सबसे पहले अपने गोल तय करना होता है. इसके बाद वह निवेश के बारे प्लानिंग के साथ यदि आगे बढ़ता है तो निश्चित कामयाबी मिलती है. पिछले कुछ दशकों में देखा गया है कि म्यूचउअल फंड बाजार ने अच्छा रिटर्न दिया है और उनके रिटर्न को देखकर अन्य पहचान वालों में भी निवेश की इच्छा हुई.
ऐसे में लोगों को मन में आजकल म्यूचुअल फंड को लेकर काफी उत्सुकता है. जो लोग बाजार में जानते हैं वे बाजार से जुड़े म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं लेकिन ऐसे भी बहुत सारे लोग है जो म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन कर नहीं पाते. म्यूचुअल फंड में निवेश के सलाह देने वाले और विरोध में सलाह देने वालों की राय जानकार ऐसे लोग द्वंद्व में फंस जाते हैं. हम पहले म्यूचुअल फंड में निवेश पर काफी बात कर चुके हैं. आज हम बात म्यूचुअल फंड पर ही करने जा रहे हैं लेकिन उन मिथकों के बारे में जो कई लोगों के मन में घर कर गई है.
अमूमन म्यूचुअल फंड बाजार से लोगों को ठीक-ठाक रिटर्न मिला है. लेकिन म्यूचुअल फंड को लेकर कुछ मिथक भी हैं जिन्हें आज हम साझा करने जा रहे हैं.
ऐसा माना जाता है कि म्यूचुअल फंड निवेश में बहुत जोखिम होता है क्योंकि यह शेयर बाजार में निवेश के समान है. ऐसी धारणा है कि म्यूचुअल फंड निवेश केवल इक्विटी बाजार में निवेश करता है. हकीकत यह नहीं है. बाजार में बहुत सारी म्युचुअल फंड योजनाएं ऐसी हैं जो बॉन्ड, गोल्ड, सिल्वर आदि में निवेश करती हैं. इन योजनाओं में अलग-अलग स्तर के जोखिम हैं. और यह सभी जोखिम वाले निवेशकों के लिए उपयुक्त हैं. आप ऐसे समझ लीजिए की किसी ने सोने में निवेश किया है. यानी यह विचार करके निवेश किया गया है कि आने वाले समय में सोने का भाव तेजी से ऊपर जाएगा और यदि ऐसा नहीं हुआ तो क्या… यानी तब तो घाटा ही होगा. ऐसा ही कुछ बाजार से जुड़े निवेश में होता है.
कई लोगों के मन में यह धारणा है कि केवल एकमुश्त बची रकम को म्यूचुअल फंड में लगाया जा सकता है. यानी वे लोग ही पैसे लगा सकते हैं जिनके पास ज्यादा पैसे हैं और वे पैसे को स्पेयर कर पाते हैं. हकीकत यह है कि आज म्यूचुअल फंड एसआईपी को कम से कम 500 रुपये से चालू किया जा सकता है और अधिकांश एकमुश्त जमा करने वाली योजनाओं में केवल 5000 रुपये के साथ राशि जमाकर कर रिटर्न लिया जा सकता है.
कुछ लोगों को यह लगता है कि म्यूचुअल फंड केवल लंबी अवधि के निवेश के लिए हैं तो कुछ लोगों को यह लगता है कि यह केवल कम अवधि का निवेश है. दोनों ही धारणाएं गलत हैं. म्यूचुअल फंड निवेश शॉर्ट टर्म और लॉन्ग टर्म हो सकता है. कम से कम 7 दिन से लेकर आप जितने दिन के लिए चाहें उतने समय के लिए निवेश कर सकते हैं. लिक्विड फंड जैसी योजनाएं हैं जहां कोई उच्च सुरक्षा और लगभग नगण्य जोखिम के साथ कम से कम 7 दिनों के लिए निवेश किया जा सकता है.
म्युचुअल फंड आपके पैसे को अच्छे विविधीकरण के साथ निवेश करने का एक शानदार तरीका है. आज बात केवल कुछ मिथकों पर की गई है. अच्छा यह हो कि निवेश से पहले किसी जानकार से जरूर बात करनी चाहिए और उसके बाद ही निवेश की प्लानिंग करनी चाहिए.
म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन होता है इसलिए जरूरी है कि निवेश से पहले ऑफर डॉक्यूमेंट जरूर पढ़ लेना चाहिए.