कर्नाटक में भाजपा ने पांच विजय संकल्प यात्राओं के जरिए राज्य के हर कोने में संपर्क साधा है. भरोसा और डबल इंजन की सरकार इन दो नारों के साथ बीजेपी चुनाव प्रचार करेगी.
नई दिल्ली :
कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) को लेकर टिकट बंटवारे में देरी और बगावत से जूझ रही बीजेपी को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही सहारा है. 20 अप्रैल को कर्नाटक चुनाव में पर्चा दाखिल करने की तारीख खत्म होते ही बीजेपी आक्रामक चुनाव प्रचार शुरू करेगी. बीजेपी के इस आक्रामक प्रचार अभियान की कमान पीएम मोदी के हाथों में रहेगी. बीजेपी सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी की रैली के साथ ही कर्नाटक में बीजेपी के चुनाव अभियान की शुरुआत हो जाएगी. बताया गया है कि पीएम मोदी कर्नाटक चुनाव में 20 से 25 रैलियां कर सकते हैं. उनके अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा अन्य वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री चुनाव प्रचार करेंगे.
बीजेपी अपनी सरकार की उपलब्धियों का प्रचार करेगी. पार्टी ने पांच विजय संकल्प यात्राओं के जरिए राज्य के हर कोने में संपर्क साधा है. भरोसा और डबल इंजन की सरकार इन दो नारों के साथ बीजेपी चुनाव प्रचार करेगी.
मोदी का चेहरा और हिंदुत्व का मुद्दा
बीजेपी मुख्य रूप से मोदी के चेहरे और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी, लेकिन हिंदुत्व से जुड़े मुद्दे भी प्रमुखता से उठाए जाएंगे. बीजेपी का कहना है कि सिद्धारमैया की सरकार में 23 हिंदू मारे गए थे. बीजेपी का आरोप है कि सिद्धारमैया की छवि हिंदू विरोधी की है. इसी तरह, पीएफआई पर पाबंदी, गोतस्करों पर नकेल कसना और हिजाब के मुद्दे की भी चर्चा होगी. कर्नाटक की अस्मिता की चर्चा होगी और तुष्टिकरण पर हमला किया जाएगा. मुस्लिम आरक्षण को खत्म करना भी एक मुद्दा होगा. बीजेपी के चुनाव पोस्टरों पर पीएम मोदी और कमल रहेगा. वहीं कुछ पोस्टरों में पीएम मोदी के साथ बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, पूर्व सीएम बीएस येदयुरप्पा, सीएम बसवराज बोम्मई और प्रदेश अध्यक्ष नलिन कतील के फोटो भी होंगे.
सामाजिक न्याय का मुद्दा
बीजेपी का कहना है कि बोम्मई सरकार ने सभी वर्गों को साथ जोड़ने का प्रयास किया. अनुसूचित जाति का आरक्षण 15 प्रतिशत से बढ़ा कर 17 प्रतिशत किया. अनुसूचित जनजाति का आरक्षण 3 से बढ़ा कर 7 प्रतिशत किया गया. सरकारी नौकरियों के लिए भर्ती अभियान चलाया गया. जातिगत समीकरणों को साधा गया. राज्य में वोक्कालिंगा समाज से 6 मंत्री हैं और केंद्र में भी एक मंत्री बनाया गया.
बीजेपी में बगावत
हालांकि टिकटों के ऐलान के बाद से बीजेपी में नाराजगी और बगावत बढ़ती जा रही है. पूर्व उपमुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार आज कांग्रेस में शामिल हो गए. उन्हें मनाने की कोशिशें नाकाम रहीं. वे अपनी सीट हुबली धारवाड़ सेंट्रल से कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे. इसी तरह पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी भी टिकट कटने से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो गए. सावदी कांग्रेस के टिकट पर अथानी से चुनाव लड़ेंगे.
टिकट कटने के बाद बीजेपी के तीन विधायक एमपी कुमारस्वामी, नेहरू ओलेकर और गोलीहट्टी शेखर ने पार्टी छोड़ दी है.
बीजेपी ने अपने वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा को भी चुनाव मैदान में नहीं उतारा है. उन्होंने पार्टी अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा कि वे चुनावी राजनीति से दूर होना चाहते हैं.