कोलकाता नाइट राइडर्स के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने गुजरात के खिलाफ मुकाबले में विस्फोटक पारी खेलते हुए अपनी टीम को एक रोमांचक मुकाबले में 3 विकेट से जीत दिलाई.
नई दिल्ली:
कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात टाइटंस के बीच आईपीएल 2023 का 13वां मुकाबला खेला गया और इस मुकाबले में दिखा, जो लीग के इतिहास में शायद की कभी दिखा हो. कोलकाता के बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू सिंह ने आखिरी ओवर में पांच छक्के जड़कर आईपीएल इतिहास बदल दिया और साथ ही एक ऐसे मैच में अपनी टीम को जीत दिलाई, जो उनकी टीम हारती हुई दिख रही थी. गुजरात एक समय इस मुकाबले को जीतते हुए दिखाई दे रही थी, लेकिन रिंकू सिंह ने आखिरी ओवर में लगातार पांच छक्के जड़कर, गुजरात के मुंह से जीत छीन ली. इसके साथ ही रिंकू सिंह आईपीएल इतिहास में लक्ष्य का पीछा करते हुए आखिरी के ओवर में पांच छक्के जड़ने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं.
मैच के बाद कही ये बात
वहीं मुकाबले के बाद रिंकू सिंह ने आखिरी ओवर में लगाए हर छक्के को अपने परिवार को समर्पित किया, जिन्होंने उनके लिए संघर्ष किया है. रिंकू सिंह ने पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में कहा, “मुझे अंदर से भरोसा था कि मैं कर सकता हूं. पिछले साल भी एक ऐसी पारी लखनऊ के खिलाफ खेली थी. तब भी भरोसा था और आज भी था. राणा भाई (नीतीश राणा) ने कहा था कि भरोसा रखो और अंत तक खेलो, देखते हैं क्या होता है. मैं छक्का मारने की ही कोशिश कर रहा था. उमेश भैया (उमेश यादव) कहते रहे कि लगे रहो, ज्यादा सोचो मत और जैसा बॉल आ रहा है वैसा खेलो.”
कोलकाता को इस मुकाबले में जीत के लिए आखिरी ओवर में 29 रन चाहिए थे. उमेश यादव ने एक रन लेकर स्ट्राइक रिंकू को दी. इसके बाद टीम को पांच गेंदों पर जीत के लिए 28 रन चाहिए थे. वहीं जब उनसे पूछा गया कि आखिरी ओवर में क्या सोच रहे थे, तो उन्होंने कहा,”सोचा नहीं था कि पांच छक्के मार दूंगा. एक भरोसा था बस. बॉल मिले और लगते चले गए. और हम जीत भी गए.”
संघर्षों से भरा रहा है जीवन
आईपीएल में 7 गेंदों में 40 रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने रिंकू सिंह उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के बेहद सामान्य परिवार से आते है. उनके पिता घरों में गैस सिलेंडर को पहुंचाने का काम करते थे. परिवार को कर्ज के बोझ से बाहर निकालने के लिए रिंकू उत्तर प्रदेश की अंडर-19 टीम के खिलाड़ी के तौर पर मिलने वाले वजीफे को बचाने के साथ घर में नौकर का काम भी कर चुके हैं. रिंकू सिंह को कितना संघर्ष करना पड़ा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्हें एक बार वो पोछा लगाने का काम भी मिला था.
वहीं रिंकू ने इस मैच में जो छक्के लगाए, उसे उन्होंने उनके लिए संघर्ष करने वाले लोगों को समर्पित किया. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पिता ने बहुत संघर्ष किया, मैं एक किसान परिवार से आता हूं. हर गेंद जो मैंने मैदान से बाहर मारी वह उन लोगों को समर्पित थी जिन्होंने मेरे लिए इतना बलिदान दिया.”
वहीं रिंकू की पारी पर कोलकाता के कप्तान नीतिश राणा ने कहा,‘‘ रिंकू ने पिछले साल ऐसा ही कुछ किया था, हालांकि हम वह मैच नहीं जीत पाए थे. गुजरात के खिलाफ जब दूसरा छक्का लगा तो हमने और विश्वास करना शुरू कर दिया क्योंकि यश दयाल अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे थे. सारा श्रेय रिंकू सिंह को जाता है.”