विपक्षी सांसदों के नारेबाजी के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में वित्त विधेयक 2023 पेश किया. इस बीच आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी सुबह संसद भवन पहुंचे, लेकिन सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद वह लौट गए.
नई दिल्ली:
लोकसभा में विपक्षी पार्टियों के सांसदों के भारी हंगामे के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फाइनेंस बिल पेश किया, जो पास हो गया. वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाने का ऐलान निर्मला सीतारमण ने किया है. ये समिति पेंशन के मुद्दे पर कर्मचारियों के हितों की होगी समीक्षा. विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही 27 मार्च सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित की गई.इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी आज सुबह संसद भवन पहुंचे, जबकि मानहानि के एक मामले में दो साल की जेल की सजा के बाद उनकी लोकसभा सदस्यता रद्द होने का खतरा मंडरा रहा है. हालांकि, विरोध के बीच लोकसभा दोपहर तक के लिए स्थगित किए जाने के बाद वह चले गए.
केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को गुरुवार को गुजरात की सूरत जिला अदालत ने दोषी ठहराया गया था और ‘मोदी सरनेम’ पर उनकी कथित टिप्पणी के लिए दो साल जेल की सजा सुनाई गई थी. सूरत जिला अदालत ने फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए उन्हें 30 दिन की जमानत दे दी है.
संसद में आज भी हो रहा हंगामा
संसद के दोनों सदनों में आज भी हंगामा देखने को मिल रहा है. इसकी वजह से लगातार लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही बाधित हो रही है. लोकसभा की कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित की गई. फिर जब 12 बजे कार्यवाही फिर शुरू हुई, तो हंगामा दोबार होने लगा. वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही को हंगामे के कारण दोपहर ढाई बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा.
…तो फिर चली जाएगी राहुल गांधी की संसद सदस्यता!
जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के अनुसार, अगर किसी सांसद को किसी अपराध का दोषी ठहराया जाता है और कम से कम दो साल की सजा सुनाई जाती है, तो उसे अयोग्य करने का आधार बन जाता है. कुछ कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि राहुल गांधी “ऑटोमेटिकली” अपनी दो साल की सजा के कारण एक सांसद के रूप में अयोग्य हो जाते हैं, जबकि अन्य कहते हैं कि अगर वह सजा को पलटने में कामयाब हो जाते हैं तो वह निलंबन से बच सकते हैं.
“राहुल गांधी को सजा सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं है…”
हालांकि, वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने राहुल गांधी को सजा मिलने के बाद कहा, “यह सिर्फ कानूनी मुद्दा नहीं है, यह एक बहुत गंभीर राजनीतिक मुद्दा भी है, जो हमारे लोकतंत्र के भविष्य से जुड़ा है. यह मोदी सरकार की बदले की राजनीति, धमकी की राजनीति, डराने-धमकाने की राजनीति का एक बड़ा उदाहरण है.” कांग्रेस अब इस मुद्दे को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने जा रही है. वहीं, कई विपक्षी दलों को अपने साथ मिलाकर इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाने की तैयारी कर रही है.