CBI ने आबकारी नीति मामले में सिसोदिया के निजी सहायक से की पूछताछ :सूत्र

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में आज  पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया.

नई दिल्ली: 

सूत्रों के अनुसार दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) के PA देवेंद्र शर्मा से पूछताछ कर रही है. आरोप है कि देवेंद्र शर्मा ने मनीष सिसोदिया के कहने पर अपने खर्चे से मोबाइल फोन खरीदे थे. जिनका इस्तेमाल मनीष सिसोदिया ने किया था. दूसरी तरफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली आबकारी नीति में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में आज पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से पूछताछ की और उनका बयान दर्ज किया.

ईडी के अधिकारी धन शोधन रोकथाम कानून के तहत सिसोदिया का बयान दर्ज करने के लिए तिहाड़ जेल पहुंचे. सीबीआई ने 2021-22 के लिए आबकारी नीति बनाने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार के संबंध में 26 फरवरी को सिसोदिया को गिरफ्तार किया था और वह 20 मार्च न्यायिक हिरासत में हैं.

ईडी ने आम आदमी पार्टी (आप) के 51 वर्षीय नेता से पूछताछ के लिए अदालत से अनुमति ले ली है. सिसोदिया जेल की कोठरी संख्या एक में बंद हैं.

ऐसी संभावना है कि एजेंसी ने उनसे कथित तौर पर सेलफोन बदलने और उन्हें नष्ट करने तथा दिल्ली के आबकारी मंत्री के तौर पर लिए नीतिगत निर्णयों और समयसीमा का पालन किए जाने को लेकर पूछताछ की. ईडी ने अदालत में दाखिल अपने पूरक आरोपपत्र में ये आरोप लगाए थे.

अगर जांच अधिकारी को ‘‘यह मानने की वजहें” मिलती हैं कि व्यक्ति धन शोधन के अपराध का ‘‘दोषी” है तो ईडी पीएमएलए की धारा 19 लगा सकती है जिसके तहत उसे मामले में शामिल या आरोपी लोगों को गिरफ्तार करने की अनुमति मिल जाती है.

सीबीआई ने सिसोदिया की हिरासत के दौरान आबकारी नीति में कथित गड़बड़ी के संबंध में उनका सामना उनके पूर्व सचिव सी अरविंद और तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण से कराया था.

सीबीआई ने पिछले साल 25 नवंबर को दर्ज किए गए मामले के आरोपपत्र में सिसोदिया को आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया.

ऐसा आरोप है कि दिल्ली सरकार की शराब कारोबारियों को लाइसेंस देने के लिए 2021-22 की आबकारी नीति से उद्यमियों को सांठगांठ करने का अवसर दिया गया तथा कुछ डीलरों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर घूस दी. बहरहाल, आम आदमी पार्टी (आप) ने इस आरोप का जोरदार खंडन किया है. बाद में यह नीति रद्द कर दी गयी और दिल्ली के उपराज्यपाल ने सीबीआई जांच की सिफारिश की जिसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत आरोपियों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया.

इस बीच, अरुण पिल्लई को लंबी पूछताछ के बाद सोमवार शाम को धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत हिरासत में लिया गया. ईडी द्वारा इस मामले में यह 11वीं गिरफ्तारी है.

पिल्लई ‘रॉबिन डिस्टिलरीज एलएलपी’ नामक कंपनी में साझेदार हैं. ईडी ने दावा किया कि यह कंपनी तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी एवं विधान परिषद सदस्य के. कविता और अन्य से जुड़े कथित शराब कार्टल ‘साउथ ग्रुप’ का प्रतिनिधित्व करती है. पिल्लई गिरफ्तार शराब कारोबारी समीर महंदरू, उनकी पत्नी गीतिका महंदरू और उनकी कंपनी इंडोस्प्रिरिट ग्रुप से भी जुड़ा है.

सूत्रों ने बताया कि पिल्लई को एक स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा, जहां ईडी पूछताछ के लिए उनकी हिरासत देने का अनुरोध करेगी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *