आदिवासी कलाकारों ने अपनी संस्कृति और लोक नृत्य की झलक पेश की है। छत्तीसगढ़ में गुलाबी ठंड ने दस्तक दे दी है। गुलाबी ठंड के बीच राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आए लोग देर रात तक जमे रहे।
रसियन दल ने वरेन्का नृत्य के साथ शानदार शुरुआत की, इस नृत्य के जरिए रूसी संस्कृति को प्रस्तुत किया गया। रशियन कलाकारों ने गालिया और कोसेंग सूट नृत्य की प्रस्तुति दी। कोसेंग नृत्य विजय के बाद अपनी परंपरा और शौर्य को दर्शाने के लिए किया जाता है। रशियन कलाकारों ने प्रेम, संगीत, परिधान और परंपरा चारो एक ही डांस में और शारीरिक संतुलन का अद्भुत प्रदर्शन किया। आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले सिक्किम के कलाकारों द्वारा तमांग सेलो नृत्य की शानदार प्रस्तुति दी गई। पारंपरिक अवसर और अनुष्ठानों में किये जाने वाले इस नृत्य से दर्शकों में उत्साह भर दिया।टोगो से आए कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों पर अनोखी प्रस्तुति दी। फसल कटाई के अवसर पर किए जाने वाले श्रेणी में छत्तीसगढ़ के जिस नृत्य दल को करमा नृत्य को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ उसकी प्रस्तुति देखकर दर्शको में उत्साह दिखा। फ्यूज़न डांस में देश-विदेश के कलाकारों के साथ संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत के साथ साथ जनप्रतिनिधियों ने बस्तरिया और छत्तीसगढ़िया गाना में जमकर नाचे।
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में करीब 4 हजार किलोमीटर दूर सर्बिया से आए कलाकारों द्वारा प्रस्तुत नृत्य कौशल को देख दर्शक काफी उत्साहित हुए। सर्बिया के कलाकार ट्रेडिशनल डांस का प्रदर्शन किए। राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव 2022 में अंतिम प्रस्तुति के रूप में मोजांबिक के कलाकार अपनी सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुति दी।