छत्तीसगढ़ के नवगठित जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में एक बार फिर माओवादियों की क्रूरता सामने आई है। शुक्रवार को नक्सलियों ने एक आरक्षक के पिता की गोली मारकर हत्या कर बाइक को आग के हवाले कर दिया।
छत्तीसगढ़ के नवगठित जिले मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में एक बार फिर माओवादियों की क्रूरता सामने आई है। शुक्रवार को नक्सलियों ने एक आरक्षक के पिता की गोली मारकर हत्या कर दी। नक्सलियों ने आक्षक के पिता पर कुल्हाड़ी से वार भी किया है। नक्सलियों ने संबलपुर गांव से लगे जंगल में घटना को अंजाम दिया है। हत्या के बाद नक्सलियों ने पर्चे भी फेंके हैं। वारदात की सूचना के बाद शनिवार को डिस्ट्रिक रिजर्व गार्ड (DRG) की टीम ने संबलपुर जंगल से शव को बरामद किया है। नक्सली घटना के बाद इलाके में दहशत है।
मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के एसपी अक्षय कुमार ने बताया कि रविंद्र साय कटेगा (55 वर्ष) की माओवादियों ने हत्या की है। शरीर पर गोली मारने के साथ धारदार हथियार से हमला के निशान हैं। नक्सलियों ने रविंद्र साय कटेगा की बाइक को भी जला दिया है। कोहका पुलिस थाना और डीआरजी की टीम आरक्षक के पिता रविंद्र साय के शव को लेकर मानपुर वापस लौटी है। मृतक का बेटा मानपुर में ही आरक्षक के पद पर तैनात है। डीआरजी और पुलिस की टीम इलाके में सर्चिंग अभियान चला रही है।
गोपनीय सैनिक के रूप में काम कर चुका था रविंद्र
एसपी अक्षय कुमार ने बताया कि रविंद्र साय कटेगा मानपुर में नक्सल पीड़ित के तौर पर 2009 से रह रहा था। 2009-10 में उसने गोपनीय सैनिक के रूप में काम भी किया था। आरक्षक के पिता की हत्या करने के बाद नक्सली फरार हो गए। पुलिस ने अज्ञात नक्सलियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। बता दें कि नक्सलियों ने मानपुर विकासखंड में सालभर पहले पर्चा फेंका था, जिसमें डब्बा से लेकर संबलपुर तक 25 लोगों को मारने की बात कही थी। माओवादी अब तक 7 ग्रामीणों की हत्या कर चुके हैं। मानपुर-मोहला छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र की सीमा से लगा हुआ इलाका है।