यूपी की योगी सरकार ने दलित और पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस वर्ग से जुड़े किसानों को अब कम ब्याजदर पर लोन मिल सकेगा। इसके अलावा पढ़ाई के लिए भी लोन दिया जाएगा।
यूपी की योगी सरकार ने दलित और पिछड़ा वर्ग के किसानों के लिए बड़ा फैसला लिया है। इस वर्ग से जुड़े किसानों को अब कम ब्याजदर पर लोन मिल सकेगा। इसके अलावा पढ़ाई के लिए भी लोन दिया जाएगा। यह लोन पांच से सात साल के लिए उपलब्ध होगा। योगी कैबिनेट ने गुरुवार को इसकी मंजूरी दे दी।
उ.प्र. सहकारी ग्राम विकास बैंक लि. (पुराना लोकप्रिय नाम एलडीबी) अब अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब छोटे किसानों के साथ ही इस वर्ग के अन्य लोगों को कम ब्याज दर पर ऋण देगा। बैंक से मिलने वाले कम ब्याज वाले कर्ज से इस वर्ग के लोगों को खेती और रोजगार में सहुलियत हो जाएगी।
प्रदेश कैबिनेट ने गुरुवार को राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम (एनबीसीएफडीसी) और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम (एनएसएफडीसी) के पक्ष में 200 करोड़ रुपये की शासकीय गारंटी का अनमोदन कर दिया है।
प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने बताया है कि प्रदेश में पहली बार अनुसूचित तथा पिछड़ा वर्ग के गरीब किसानों को खेती और लघु उद्यम स्थापित करने के लिए कम ब्याज दर पर ऋण मिल सकेगा। इस वर्ग के गरीब लोगों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा ऋण भी दिया जाएगा। राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम से बैंक को अधिकतम तीन प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध होगा।
मंत्री ने बताया है कि कृषि एवं कृषि संबंधी कार्य करने व लघु उद्योग स्थापित करने के लिए किसानों को करीब 4 से 6 प्रतिशत की न्यूनतम ब्याजदर पर 5 लाख रुपये तक तथा उनके बच्चों की पढ़ाई के लिए 4 प्रतिशत की दर से करीब 10 लाख रुपये तक ऋण दिया जाएगा। यह ऋण 5 से 7 वर्ष की अवधि के लिए दिया जाएगा।
उन्होंने बताया है कि वर्तमान में राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा करीब 9 से 10 प्रतिशत की ब्याज दर से शिक्षा ऋण दिया जा रहा है। अब गरीब किसानों को कम ब्याज पर ऋण मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने के साथ-साथ उनके बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सकेगी।
नाबार्ड के पक्ष में अब 800 करोड़ की गारंटी
कैबिनेट ने नाबार्ड के पक्ष में पूर्व निर्गत 1000 करोड़ रुपये की गारंटी निरस्त करते हुए उसके स्थान पर 800 करोड़ रुपये की गारंटी वित्त विभाग की सहमति से निर्गत किए जाने के प्रस्ताव को भी अनुमति प्रदान किया है। 2022-23 में प्रदेश सरकार द्वारा नाबार्ड को 1000 करोड़ रुपये की शासकीय गारंटी दी गई थी जिसकी अवधि 30 जून 2023 को समाप्त हो रही है।