जयशंकर ने कहा, ‘पश्चिम ने सालों तक पाकिस्तान को हथियार दिए, लेकिन भारत को नहीं। अब वे भारत को रूस से हथियार खरीदना बंद करने के लिए कह रहे हैं। मास्को कई सालों से नई दिल्ली के साथ खड़ा रहा है।’
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तानी सैन्य तानाशाहों को सालों तक हथियार मुहैया कराने को लेकर पश्चिमी देशों पर तंज कसा है। उन्होंने भारत की ओर से रूसी हथियारों के इस्तेमाल का बचाव किया और दशकों से हमें हथियारों की सप्लाई नहीं करने पर सवाल उठाए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत ने वही फैसले लिए, जो उसके हित में थे।
जयशंकर ने कहा, ‘पश्चिम ने सालों तक पाकिस्तान को हथियार दिए, लेकिन भारत को नहीं। अब वे भारत को रूस से हथियार खरीदना बंद करने के लिए कह रहे हैं। मास्को कई सालों से नई दिल्ली के साथ खड़ा रहा है।’ रूस के साथ हमारे लंबे समय से संबंध रहें हैं और इस संबंध ने हमारे हितों की अच्छी तरह पूरा किया है। हमारे पास सोवियत और रूसी मूल के हथियारों की पर्याप्त मात्रा है।’
विदेश मंत्री ने कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग के साथ 13वीं विदेश मंत्री फ्रेमवर्क डायलॉग (FMFD) के बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘पश्चिम ने दशकों तक भारत को हथियारों की सप्लाई नहीं की। वास्तविकता यह है कि हमारे बगल का सैन्य तानाशाह उनका पसंदीदा साझेदार रहा। अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हम वही फैसले करते हैं जो हमारे भविष्य के हितों और वर्तमान स्थिति के हिसाब से हों।’
खालिस्तानी मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि हमने समय-समय पर यह मामला कनाडा की सरकार के सामने रखा है। हमने यह बात रखी है कि लोकतांत्रिक देशों में जो आजादी मिली है, उसका दुरुपयोग उन ताकतों की ओर से नहीं होना चाहिए जो हिंसा और कट्टरता का साथ देते हैं।
जयशंकर ने कहा कि हमें ऑस्ट्रेलिया-भारत संबंधों को और मजबूत करना जारी रखना होगा। हम अगले साल बेंगलुरु में ऑस्ट्रेलिया के महावाणिज्य दूतावास खोलने की उम्मीद कर रहे हैं। हमने कई क्षेत्र जैसे महत्वपूर्ण खनिज, साइबर, नई और नवीकरणीय ऊर्जा आदि में काम किया और हमारे साथियों ने जो काम किया उसको एकीकृत किया है। इस साल के जून से अब तक मेरे 6 साथियों (केंद्रीय मंत्रियों) ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया है।