छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। भाजपा, कांग्रेस सहित आप ने संगठन को विस्तार करने और पदाधिकारियों को जिम्मेदारियों सौंपना शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) सहित आम आदमी पार्टी (आप) ने संगठन को विस्तार करने और पदाधिकारियों को जिम्मेदारियों सौंपना शुरू कर दिया है। चुनाव से एक साल पहले आम आदमी पार्टी ने छत्तीसगढ़ इकाई को भंग कर दिया गया है। प्रदेश इकाई से जुड़े सभी संगठनों को भंग करते हुए प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेडी को यथावत रखा गया है। आम आमदी पार्टी इस साल के अंत तक नये सिरे से संगठन विस्तार करेगी। ऐसा बताया जा रहा है कि दूसरे दलों से आप में शामिल हुए नेताओं को भी संगठन में मौका दिया जाएगा। यही टीम विधानसभा चुनाव में भूमिका निभाएगी।
आदमी आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में संगठन को मजबूत करने का काम शुरू हो चुका है। पार्टी की बैठकें और सरकार को घेरने की रणनीति पर काम किया जा रहा है। एक रणनीति के तहत प्रदेश इकाई को नए सिरे से संगठित करने भंग किया गया है। अब यह बड़ा संगठन बनेगा। संगठन में सक्रिय और चुनाव के लिहाज से महत्वपूर्ण लोगों को जगह दी जाएगी। एक महीने के भीतर संगठन विस्तार कर लिया जाएगा। आगामी विधानसभा चुनाव में आप पूरी मजबूती के साथ जनता के बीच जाएगी। प्रदेश की जनता उम्मीद से आप की तरफ देख रही है।
2018 में 85 सीटों पर आप ने लड़ा था चुनाव
बता दें कि आम आदमी पार्टी ने 2018 के विधानसभा चुनाव में पूरे उत्साह से भाग लिया था। दिल्ली सरकार के मंत्री गोपाल राय ने खुद यहां कैंप किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने साइंस कॉलेज मैदान में जनसभा से चुनाव अभियान का आगाज किया था। पार्टी ने 85 सीटों पर उम्मीदवार उतारे, लेकिन सभी की जमानत जब्त हो गई। पार्टी को पूरे प्रदेश में एक प्रतिशत से भी कम वोट मिला। दिल्ली के बाद पंजाब में ऐतिहासिक जीत से पार्टी नेताओं की उम्मीदें बढ़ गई। आम आदमी पार्टी ने पंजाब विधानसभा जीत के बाद छत्तीसगढ़ में ताकत झोंक दी। बिलासपुर संभाग के संदीप पाठक को राज्यसभा भेजा गया। वहीं दिल्ली सरकार के मंत्री और आप संगठन के नेताओं का लगातार छत्तीसगढ़ दौरा हो रहा है।