फर्जी सर्टिफिकेट से 10वीं में दाखिले को लेकर हरियाणा शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा परिणाम रद्द किया, केस दर्ज

कोरोनाकाल में हरियाणा के 129 छात्रों ने 10वीं के फर्जी प्रमाणपत्र पर दाखिला लेकर 12वीं बोर्ड परीक्षा उतीर्ण की। 129 छात्रों में से फरीदाबाद के 13 छात्र हैं। मामले का खुलासा होने के बाद सभी के खिलाफ से

कोरोनाकाल में हरियाणा के 129 छात्रों ने 10वीं के फर्जी प्रमाणपत्र पर दाखिला लेकर 12वीं बोर्ड परीक्षा उतीर्ण की। 129 छात्रों में से फरीदाबाद के 13 छात्र हैं। मामले का खुलासा होने के बाद सभी के खिलाफ सेक्टर-17 थाना में शनिवार को एफआईआर दर्ज कराई कराई गई है। एफआईआर में फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कर देने वाले छह राज्यों के 92 शिक्षण संस्थानों के नाम भी हैं। सेक्टर-17 थाना और आर्थिक अपराध शाखा की पुलिस मामले की जांच कर रही है।

आर्थिक अपराध शाखा के इंस्पेक्टर और जांच अधिकारी अनिल ने बताया कि हरियाणा शिक्षा बोर्ड की ओर से इस मामले में पुलिस मुख्यालय में शिकायत दी गई। मुख्यालय के आदेश पर फरीदाबाद के सेक्टर-17 थाना में 92 शिक्षण संस्थान और करीब 129 छात्रों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। फर्जीवाड़े में फरीदाबाद के भी 13 छात्र शामिल हैं। बोर्ड ने शिकायत में यह भी बताया है कि फर्जी तरीके से सर्टिफिकेट प्राप्त कर उतीर्ण करने वाले छात्रों के 12वीं के परीक्षा परिणाम रद्द कर दिए गए हैं। पुलिस अब सर्टिफिकेट जारी करने वाले शिक्षण संस्थान और छात्रों के पते तक पहुंचेगी। पूछताछ के बाद आरोपियों को गिरफ्तार भी किया जाएगा।

ऐसे प्राप्त किए सर्टिफकेट
पुलिस के अनुसार हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड ने अपनी शिकायत में बताया है कि अप्रैल-2021 में कोरोना के चलते बोर्ड परीक्षाओं का आयोजन नहीं हुआ । जिन अभ्यार्थियों को वरिष्ठ माध्यमिक परीक्षा में पूर्ण विषयों के अंतर्गत सम्मिलित होना था, कोविड-19 महामारी के कारण परीक्षाएं रद्द होने के कारण सरकार के आदेश पर परीक्षार्थियों का परिणाम घोषित किया गया। बोर्ड अधिकारियों के अनुसार इस दौरान वरिष्ठ माध्यमिक वार्षिक परीक्षा में सम्मिलित होने वाले उन विद्यालयों के परीक्षार्थियों, जिन्होंने माध्यमिक परीक्षा अन्य राज्यों के बोर्ड से पास की थी जून-जुलाई -2021 में उनके सर्टिफिकेट की जांच शुरू की गई।

हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के सचिव कृष्ण कुमार ने बताया कि फर्जी प्रमाणपत्र के सहारे दाखिला लेने वाले छात्रों की जांच स्कूल स्तर पर ही होनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। केस दर्ज करवा दिया गया है। स्कूल प्रबंधकों से पूछताछ के बाद कार्रवाई की जाएगी ताकि इस तरह के फर्जीवाडे फिर रोक लग सके।

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