शिवसेना का कहना है कि वह 5 अक्टूबर को दादर में स्थित शिवाजी पार्क में रैली करना चाहती है और उससे पहले फैसला हो जाना चाहिए ताकि तैयारी में आसानी रहे। वह 6 दशकों से रैली करती रही है।
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने शिवाजी पार्क पर रैली की मांग को लेकर अब हाई कोर्ट का रुख कर लिया है। अदालत में अर्जी दाखिल करके शिवसेना ने मांग की है कि वह बीएमसी को आदेश दे कि उसके 22 और 26 अगस्त के आवेदनों पर जल्दी फैसला ले। पार्टी का कहना है कि वह 5 अक्टूबर को दादर में स्थित शिवाजी पार्क में रैली करना चाहती है और उससे पहले फैसला हो जाना चाहिए ताकि तैयारी में आसानी रहे। बता दें कि शिवसेना अपने 6 दशक लंबे इतिहास से ही यहां रैली करती रही है। पार्टी के सचिव अनिल देसाई की ओर से तत्काल सुनवाई की मांग के साथ हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की गई है।
गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की बेंच इस पर सुनवाई करेगी। वकील जोएल कार्लोस की ओर से यह अर्जी जस्टिस आरडी धानुका और जस्टिस कमल खाता की बेंच के समक्ष दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि शिवाजी पार्क में शिवसेना 1966 से ही रैली का आयोजन करती रही है। शिवसेना से कहा कि इस ग्राउंड में रैली के लिए कार्यकर्ता बिना किसी आमंत्रण के ही पहुंचते रहे हैं। ऐसे में यहां रैली से रोक लगाना गलत होगा और इस पर जल्दी ही मंजूरी मिलनी चाहिए। शिवसेना ने कहा कि राज्य सरकार ने जनवरी 2016 में एक नोटिफिकेशन जारी किया था और शिवाजी पार्क को गैर-खेल गतिविधियों के लिए भी बुक करने की मंजूरी दी थी।
देसाई ने अपनी अर्जी में कहा कि शिवसेना ने रैली के लिए 22 अगस्त और फिर 26 अगस्त को बीएमसी में आवेदन दिया था, लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आवेदन दिए हुए 20 दिन से ज्यादा का वक्त बीत चुका है और हमें आयोजन के लिए तैयारियों की जरूरत है। उन्होंने अदालत से मांग की कि वह बीएमसी कमिश्नर को इस पर फैसला लेने का आदेश दे। शिवसेना ने अर्जी में कहा कि पार्क में रैली को मंजूरी न देने की बीएमसी के पास कोई वजह नहीं है। ऐसे में इस पर उसे तत्काल फैसला लेना चाहिए। शिवसेना का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने गुरुवार को मामले की सुनवाई करने का फैसला लिया है।