चीतों के लिए एक भी हिरण राजस्थान से नहीं आया, बिश्नोई समाज की नाराजगी पर वन विभाग का जवाब

राजस्थान के बिश्नोई समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत भी लिखा था और कहा था कि डेजर्ट स्टेट में चीतल प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। बिश्नोई समाज ने हिरणों को वहां भेजने का विरोध किया था।

मध्य प्रदेश सरकार ने उन खबरों को खारिज किया है जिसमें यह कहा गया है कि कूनो नेशनल पार्क में लाए गए 8 चीतों को शिकार के लिए हिरण राजस्थान से लाए गए हैं। कूनो नेशनल पार्क में अफ्रीका के नामीबिया से लाए गए 8 चीतों की चर्चा पूरे देश में है। इनके यहां आने के बाद कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में लगातार यह कहा जा रहा था कि राजस्थान से चीतल को कूनो रिजर्व में भेजा गया है ताकि चीते उनका शिकार कर सकें।

राजस्थान के बिश्नोई समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खत भी लिखा था और कहा था कि डेजर्ट स्टेट में चीतल प्रजाति विलुप्त होने के कगार पर है। समाज के लोगों ने पीएम मोदी से आग्रह किया था कि चीतलों को शिकार के लिए कूनो में भेजे जाने के खराब फैसले पर वो फिर से विचार करें।

बिश्नोई समाज के लोगों ने हरियाणा के फतेहाबाद में स्थित मिनी-सचिवालय के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया था। इस दौरान समाज के लोगों ने जिला कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा था। अब मध्य प्रदेश वन विभाग ने चीतल को लेकर मीडिया में चल रही खबरों का खंडन किया है। विभाग की तरफ से कहा गया है।

एक भी चीतल राजस्थान से मध्य प्रदेश नहीं लाया गया है। क्योंकि इसके लिए राज्य और केंद्र सरकार की अनुमति लेनी पड़ती है। कूनो नेशनल पार्क में 20,000 से ज्यादा चीतल हैं। इसलिए बाहर से चीतल लाए जाने की खबरें गलत हैं।’

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