छत्तीसगढ़ की एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जोगी (जेसीसीजे) ने धर्मजीत सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। राजनीतिक गलियारों में ऑपरेशन लोटस की चर्चा है।
छत्तीसगढ़ की एकमात्र क्षेत्रीय पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जोगी (जेसीसीजे) ने धर्मजीत सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। जेसीसीजे ने यह बड़ी कार्रवाई करते हुए सारा फैसला जेसीसीजे की सुप्रीमो रेणु जोगी पर छोड़ा है। पार्टी प्रवक्ता का कहना है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, गरीब, पिछड़ा समाज की अनदेखी और अजीत जोगी के सिद्धांतों के खिलाफ कार्य करने की वजह से जेसीसीजे ने यह कार्रवाई की है, लेकिन राजनीतिक गलियारों में ऑपरेशन लोटस की चर्चा है। जेसीसीजे के 3 में से 2 विधायक भाजपा से मिलना चाहते थे। 20 सितंबर की तारीख भी तय हो गई थी। पार्टी को आशंका थी धर्मजीत सिंह पार्टी का ही भारतीय जनता पार्टी में विलय करा देंगे, इसलिए उन्हें पार्टी से हटाया गया है।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जोगी ने सियासी संकट की जानकारी होते ही विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया है। रविवार को जेसीसीजे के कोर ग्रुप के नेताओं की बैठक हुई। बैठक में धर्मजीत सिंह को निष्कासन करने का निर्णय लिया गया। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी और प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने रविवार रात छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से मुलाकात कर धर्मजीत सिंह को पार्टी से निष्कासित करने की सूचना देकर डॉ. रेणु जोगी को विधायक दल के नेता की मान्यता देने का आग्रह किया है। पार्टी ने धर्मजीत सिंह की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की सिफारिश भी की है। इधर धर्मजीत सिंह ने कहा, उन्हें पार्टी के फैसले की लिखित सूचना नहीं मिली है। मीडिया के माध्यम से जानकारी मिल रही है। लिखित जानकारी मिलने के बाद सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपनी बात रखेंगे।
निजी स्वार्थ का ताना-बाना बुनने में लगे रहे
जेसीसीजे के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी का कहना है कि धर्मजीत सिंह को पार्टी संस्थापक अजीत जोगी ने बहुत ही विश्वास के साथ विधायक दल का नेता बनाया था। पिछले एक वर्ष से कार्यकर्ताओं द्वारा यह शिकायत की जा रही थी कि लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब पिछड़ा वर्ग से संबंधित पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर रहे हैं और एक वर्ग विशेष के लोगों को ही महत्व दे रहे हैं। विधायक धर्मजीत सिंह लगातार अन्य दल के संपर्क में रहकर अपने निजी स्वार्थ का ताना बाना बुनने में लगे रहे हैं। शिकायतों पर कई बार विधायक धर्मजीत सिंह के साथ चर्चा भी की गई पर उनके आचरण और विचार में कोई बदलाव नहीं आया। धर्मजीत सिंह जिस पार्टी के चिन्ह पर चुनाव जीते और विधायक बने उसी पार्टी की नीतियों को त्यागने और छत्तीसगढ़िवाद की क्षेत्रीय विचारधारा को मिटाने का प्रयास करने के कारण उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया है।
लगातार भाजपा नेताओं के संपर्क रहे धर्मजीत
बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के निधन के बाद राजनीतिक फैसले धर्मजीत सिंह ले रहे थे। मरवाही उपचुनाव में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जोगी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी ने नामांकन दाखिल किया था। धर्मजीत की सलाह पर जोगी परिवार मरवाही उपचुनाव में भाजपा के मंच पर आया था। भाजपा प्रत्याशी के लिए वोट मांगा। धर्मजीत सिंह की सलाह पर राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार द्रोपदी मुर्मू को समर्थन दिया। मई-2022 में जब डॉ. रेणु जोगी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थीं, उसी दौरान धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा को लेकर एक भाजपा नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे थे। अमित शाह नहीं मिले तब तत्कालीन प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी से मुलाकात कर लौट आए। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के पीएम पर आधारित पुस्तक मोदी@20 के रायपुर में हुए कार्यक्रम में धर्मजीत सिंह के शामिल होने के बाद पार्टी में कड़वाहट और बढ़ गई थी।