दीपेंद्र पाठक ने जोर देकर कहा कि उनका लक्ष्य शरारती तत्वों और अपराधियों के बीच कानून का डर पैदा करना और कानून का पालन करने वाले नागरिकों के बीच पुलिस में विश्वास की भावना पैदा करना है।
सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील उत्तर-पूर्वी और उत्तर-पश्चिम जिलों सहित दिल्ली के आठ पुलिस जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों को नफरत फैलाने और स्ट्रीट क्राइम को रोकने और पुलिस बल में जनता का विश्वास बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।
फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी जिले में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पों के बाद दंगे भड़क उठे थे, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई, जबकि 200 से अधिक घायल हो गए थे। वहीं, उत्तर-पश्चिमी जिले के जहांगीरपुरी इलाके में इस साल 16 अप्रैल को हनुमान जयंती पर निकाले गए जुलूस के दौरान सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं। हालांकि, इसमें किसी की जान नहीं गई थी।
ग्राउंड स्टाफ से फीडबैक ले रहे दीपेंद्र पाठक
स्पेशल पुलिस कमिश्नर (लॉ एंड ऑर्डर) दीपेंद्र पाठक आठ जिलों का दौरा कर ग्राउंड स्टाफ को निर्देश जारी कर उनसे फीडबैक ले रहे हैं। पाठक ने बताया कि मैंने अपने अधिकार क्षेत्र के सभी आठ जिलों के प्रमुखों को निर्देशित किया है कि वे नफरत फैलाने वाले, सड़क पर होने वाले अपराधों पर अंकुश लगाने, पुलिस बल में जनता का विश्वास बढ़ाने, पुलिस की विजिबिलिटी बढ़ाने के लिए फोकस क्षेत्रों से निपटने के हमारे प्रयासों के हिस्से के रूप में ध्यान केंद्रित करने को कहा है।
दिल्ली के 15 पुलिस जिलों में से आठ जिले – उत्तर, उत्तर-पूर्व, उत्तर-पश्चिम, मध्य, रोहिणी, शाहदरा, पूर्व और बाहरी उत्तर दीपेंद्र पाठक के अधीन हैं।
उत्तरी जिले में एलजी कार्यालय, मुख्यमंत्री का निवास और विधानसभा भवन है, जबकि मध्य जिले में पुरानी दिल्ली, राजघाट और ऐतिहासिक महत्व के अन्य स्थान शामिल हैं। वहीं, गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर जो एक वर्ष से अधिक समय से किसानों के आंदोलन के केंद्र थे, क्रमशः पूर्वी और बाहरी उत्तर जिलों के अंतर्गत आते हैं।
हर छोटे अपराध पर सख्त कानूनी कार्रवाई जरूरी
पाठक ने कहा कि हम लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। फील्ड फॉर्मेशन को किसी भी सांप्रदायिक मुद्दे के प्रति अति संवेदनशील होना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्ट्रैस कॉल का सांप्रदायिक एंगल से तुरंत जवाब दिया जाना चाहिए और स्थिति को नियंत्रित किया जाना चाहिए। किसी भी छोटे से उल्लंघन पर सख्त और त्वरित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके अलावा, धरने और विभिन्न अन्य राजनीतिक कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान दिया जाता है, जिनके गंभीर कानून और व्यवस्था के निहितार्थ हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें तत्परता के साथ और आयोजकों के साथ बातचीत को बनाए रखते हुए संभाला जाना चाहिए।
सड़कों पर पुलिस की विजिबिलिटी में करें सुधार
अधिकारियों को सड़कों पर पुलिस की विजिबिलिटी में सुधार करने, शिकायतकर्ताओं को धैर्यपूर्वक सुनने, उचित राहत प्रदान करने और पुलिस में जनता का विश्वास जगाने के लिए कानूनी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। कुख्यात अपराधियों, सूचीबद्ध अपराधियों, ‘बुरे चरित्रों’ और गैंगस्टरों पर ठोस कानूनी कार्रवाई के साथ प्रभावी रोकथाम हमारा फोकस क्षेत्र है।
पाठक ने जोर देकर कहा कि उनका लक्ष्य शरारती तत्वों और अपराधियों के बीच कानून का डर पैदा करना और कानून का पालन करने वाले नागरिकों के बीच पुलिस में विश्वास की भावना पैदा करना है। उन्होंने कहा कि हमें आतंकवाद विरोधी उपायों, महिलाओं के खिलाफ अपराध, लापता बच्चों, सड़क पर अपराध और मामलों के त्वरित निपटान पर ध्यान देना होगा।