कर्नाटक सिल्क डिपो (सिल्क विक्रय शाखा) बुनकरों को 50 फीसदी सब्सिडी पर गुणवत्तापूर्ण धागा प्रदान करेगा। सारंग तालाब स्थित मान्यवर कांशीरामजी सिल्क एक्सचेंज में शुक्रवार को इसकी शुरुआत हो गई।
कर्नाटक सिल्क डिपो (सिल्क विक्रय शाखा) बुनकरों को 50 फीसदी सब्सिडी पर गुणवत्तापूर्ण धागा प्रदान करेगा। सारंग तालाब स्थित मान्यवर कांशीरामजी सिल्क एक्सचेंज में शुक्रवार को इसकी शुरुआत हो गई। प्रदेश के लघु उद्योग मंत्री राकेश सचान और कर्नाटक के रेशम उत्पादन व खेल मंत्री डॉ. नारायण गौड़ा ने डिपो का उद्घाटन किया। कर्नाटक सिल्क मार्केटिंग बोर्ड की ओर से यहां डिपो खोला गया है।
मंत्री राकेश सचान ने कहा कि राज्य सरकार और कर्नाटक सरकार के बीच हुए एमओयू के तहत यह पहल हुई है। यह डिपो बनारसी साड़ी उद्योग के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। डॉ. नारायण गौड़ा ने कहा कि सिल्क उत्पादन में कर्नाटक देश में अव्वल है। डिपो से बुनकरों को सस्ती दर पर असली रेशम का धागा मिलेगा।
परिसर में मंत्रियों ने चंदन के पौधे रोपे
मंत्रियों ने सिल्क एक्सचेंज परिसर में चंदन का पौधा रोपा और स्टाल देखा। इस मौके केएसएमबी चेयरमैन बीसी नारायण, डॉ. केएन अनुराधा, कृष्ण कुमार, अमर शेट्टी, मंजूनाथ बी, वी राजू, एसपी सिंह, नागेंद्र राम आदि रहे।
राज्यमंत्री ने बुनाई-बिक्री करने पर दिया बल
अध्यक्षता करते हुए राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने डिपो में रेशम से बुनाई और उत्पादों की बिक्री कराने पर भी जोर दिया। बोले, प्रधानमंत्री मोदी की ‘लोकल फॉर वोकल’ की घोषणा के बाद अब भारतीय रेशम उत्पादन ने रफ्तार पकड़ी है।
मांग के सापेक्ष महज दस फीसदी उत्पादन
राकेश सचान ने कहा कि प्रदेश में 4000 से 4500 मीट्रिक टन रेशम की जरूरत है, लेकिन इस समय 350 मीट्रिक टन यानी 10 फीसदी ही पैदा हो रहा है। कहा कि इसके लिए रेशम किसानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।