यूपी में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे जारी है। लखनऊ के नदवा कॉलेज में सर्वे टीम कई बिन्दुओं पर वहां जानकारी ले रही है। अमरोहा के मदरसों में सर्वे टीम पहुंची है।
प्रदेशभर में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे जारी है। गुरुवार सुबह लखनऊ के नदवा कॉलेज में सर्वे टीम पहुंची। सर्वे टीम कई बिन्दुओं पर वहां जानकारी ले रही है। वहीं अमरोहा एसडीएम सदर ने भी जानकारी दी है कि जिले में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे चल रहा। टीमें भेजी गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार के आदेश के बाद सभी संस्थानों में सर्वे हो रहा है।
उधर, प्रयागराज जिले में मदरसों का सर्वे शुरू हो गया है। प्रयागराज में 30 मदरसे ऐसे पाए गए हैं जो जो बिना मान्यता गलत तरीके से चल रहे हैं। अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी कृष्ण मुरारी ने बताया कि अभी सर्वे का काम किया जा रहा है। सर्वे रिपोर्ट आने के बाद आगे कार्रवाई पर विचार किया जाएगा।
दरअसल, यूपी में मदरसों का सर्वेक्षण शुरू हो चुका है। सर्वेक्षण की घोषणा के बाद से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष में इसे लेकर वार-पलटवार चल रहा है। अभी तक राजनीतिक दलों के नेताओं और कुछ मुस्लिम संगठनों की तरफ से बयानबाजी आ रही थी। अब उत्तर प्रदेश.मदरसा शिक्षा परिषद के चेयरमैन डा.इफ्तेखार जावेद स्थिति स्पष्ट की है।
उन्होंने साफ किया कि सर्वेक्षण कोई जांच नहीं है। सर्वेक्षण को लेकर सरकार की मंशा भी स्पष्ट की। कहा कि उत्तर प्रदेश में कुल 16,513 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं, जिनमें से 560 मदरसों को सरकार उनके शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन देती है। प्रदेश में ऐसे कितने मदरसे हैं जिनकी मान्यता नहीं है, उनकी गिनती नहीं हो पा रही है। समय-समय पर जब मदरसों पर उंगलियां उठती हैं तो फिर सवाल उठते हैं कि यह कौन-सा मदरसा है? क्या यह मान्यता प्राप्त मदरसा है या ग़ैर-मान्यता प्राप्त मदरसा है या फिर अनुदान से चलने वाला मदरसा है?
मदनी ने कहा, मदरसों के सर्वे को लेकर कोई आपत्ति नहीं
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं दारुल उलूम के प्राचार्य मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मदरसों के सर्वे को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन मौजूदा हालात में इस मानसिकता पर सवाल जरूर उठता है। दीनी मदरसे हमेशा से ही कुछ ताकतों को खटकते रहे हैं। मौलाना मदनी ने बयान जारी कर कहा है कि मदरसों में केवल धार्मिक शिक्षा दी जाती है। इसका अधिकार हमें देश के संविधान ने दिया है। संविधान ने हमें अपने शिक्षण संस्थाएं स्थापित करने और उन्हें चलाने का पूरी आजादी भी दी है। मदरसों में कुरआन और हदीस की शिक्षा में आतंकवाद और उग्रवाद के लिए कोई स्थान नहीं है। हमारी आपत्ति वर्तमान स्थिति में मानसिकता को लेकर है, मदरसों का सर्वे कराने के आदेश पर नहीं है।