प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोबाइल एप्लिकेशन धोखाधड़ी मामले की जांच के सिलसिले में कोलकाता में एक व्यापारी के ठिकानों पर छापेमारी की है। अधिकारियों का कहना है कि यह रेड छह स्थानों पर की जा रही है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मोबाइल गेमिंग ऐप के जरिए लोगों को ठगने वाले एक कथित रैकेट में मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में कोलकाता के एक व्यापारी के 6 अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। इस छापेमारी में टीम अभी तक 18 करोड़ रुपये बरामद कर चुकी है। जानकारी मिली है कि रेड के दौरान टीम को नोटों का अंबार मिला है। नोटों की गिनती के लिए मशीनें मंगाई गई है। नोटों की गिनती जारी है।
ईडी ने दिन में ट्वीट करते हुए जानकारी दी थी, “ईडी मोबाइल गेमिंग एप्लिकेशन से संबंधित जांच के संबंध में कोलकाता में 6 परिसरों में पीएमएलए के प्रावधानों के तहत तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। परिसर से भारी मात्रा में नकदी बरामज हुई है।”
मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को ईडी ने दक्षिण पश्चिम कोलकाता के गार्डन रीच में एक व्यापारी नेसर अहमद खान के घर पर छापेमारी की। खान का बेटा आमिर खान, जिसने मोबाइल ऐप लॉन्च किया था, इस मामले में आरोपी है। ईडी अधिकारियों ने कहा कि आमिर खान को अभी गिरफ्तार नहीं किया गया है।
ईडी के एक अधिकारी ने जानकारी दी, “शनिवार को दो मंजिला घर के एक कमरे से 100 रुपये से 2000 रुपये के नोटों की गड्डी में काफी ज्यादा कैश बरामद हुआ है। हमें नोट गिनने के लिए बैंक अधिकारियों और आठ नोट गिनने वाली मशीनों को लगाना पड़ा। ईडी के एक अधिकारी ने कहा, शाम करीब साढ़े सात बजे तक 18 करोड़ रुपये की गिनती पूरी हुई।
ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मोबाइल गेमिंग ऐप कोविड -19 महामारी के दौरान सक्रिय था और कई लोगों को ठगने के लिए इस्तेमाल किया गया। गौरतलब है कि ईडी की यह कार्रवाई राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के एक करीबी सहयोगी के दो फ्लैटों से संघीय एजेंसी द्वारा लगभग 50 करोड़ रुपये जब्त करने के कुछ दिनों बाद हुई है। टीएमसी के पूर्व दिग्गज नेता को करोड़ों रुपये के स्कूल भर्ती घोटाले के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, ईडी के अधिकारियों ने व्यापारी और टीएमसी के बीच किसी तरह के संबंधों का जिक्र नहीं किया है।
दरअसल, फेडरल बैंक के अधिकारियों ने आमिर खान नामक शख्स समेत अन्य के खिलाफ मोबाइल गेमिंग ऐप के जरिए लोगों के साथ धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज की थी। जिसके बाद मामले में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
कैसे करते थे ठगी
ईडी के अधिकारियों के मुताबिक, ” मोबाइल गेमिंग ऐप में शुरुआती अवधि के दौरान, लोगों को कमीशन के साथ इनाम के तौर पर लुभाया गया। इससे लोग इस ऐप पर आकर्षित हुए। फिर लोगों ने ज्यादा कमीशन पाने के लिए बड़ी मात्रा में निवेश करना शुरू किया और फिर ऐप संचालकों ने ठगी का खेल शुरू किया।”
कथित धोखेबाजों के तौर-तरीकों का विवरण देते हुए, ईडी ने कहा, “फिर लोगों से काफी ज्यादा रकम इकट्ठा करने के बाद, अचानक उक्त ऐप में अपग्रेडेशन के नाम पर निकासी बंद कर दी गई। इसके बाद लोगों की प्रोफाइल जानकारी सहित कई डेटा ऐप सर्वर से हटा दिया गया। तब जाकर लोगों को मालूम हुआ कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है।”