बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच जुबानी जंग अब ट्विटर वॉर में भी तब्दील होती दिख रही है। नीतीश कुमार ने पीके पर आरोप लगाया था कि वह शायद भाजपा की मदद कर रहे हैं।
नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के बीच जुबानी जंग अब ट्विटर वॉर में भी तब्दील होती दिख रही है। नीतीश कुमार ने पीके पर आरोप लगाया था कि वह शायद भाजपा की मदद कर रहे हैं। इसके बाद पीके ने नीतीश कुमार पर पलटवार करते हुए कहा था कि वह बुजुर्ग हो गए हैं और एक साल में उन्हें सब पता चल जाएगा। यही नहीं उन्होंने कहा था कि यदि नीतीश कुमार 10 लाख नौकरियों के वादे को पूरा कर देते हैं तो मैं सब काम छोड़कर उनके साथ लग जाऊंगा। यही नहीं शुक्रवार सुबह उन्होंने नीतीश कुमार पर कुछ तस्वीरों के जरिए भी हमला बोला। हालांकि करीब आधे घंटे के अंदर ही उन्होंने यह ट्वीट डिलीट कर दिया।
बिना किसी कैप्शन के ही प्रशांत किशोर ने 4 तस्वीरें ट्वीट की थीं, जिनमें नीतीश कुमार हाथ जोड़ते हुए पीएम मोदी के सामने खड़े नजर आ रहे थे। माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने इन तस्वीरों के जरिए नीतीश कुमार के उस आरोप का जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि वह भाजपा की मदद कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर पब्लिसिटी एक्सपर्ट हैं और वह शायद भाजपा की मदद करने के लिए काम कर रहे हैं। नीतीश कुमार ने कहा था कि प्रशांत किशोर क्या बयान देते हैं, उसका कोई मतलब नहीं है। वह शायद भाजपा के साथ रहना चाहते हैं। शायद वह उनकी मदद करना चाहते हैं।
दरअसल प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के एनडीए छोड़कर महागठबंधन में जाने के फैसले पर टिप्पणी की थी। पीके ने कहा था कि नीतीश के इस फैसले से देश भर में कोई असर नहीं होगा। इसका असर बिहार में ही देखने को मिलेगा। यही नहीं उन्होंने कहा था कि इस तरह के पालाबदल से नीतीश कुमार की छवि पर भी असर होगा। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार की विश्वसनीयता प्रभावित हो रही है। इस बात को हम ऐसे समझ सकते हैं कि जेडीयू की सीटों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। 2005 के बाद से अब तक जेडीयू की सीटों का आंकड़ा 115 से 43 तक आ गया है।