ट्रेनों में यात्री का जिस स्टेशन से रिजर्वेशन है, यदि यात्री उस स्टेशन के बजाए किसी दूसरे स्टेशन से ट्रेन में बैठता है तो उसकी कंफर्म बर्थ छिन सकती है।
ट्रेनों में यात्री का जिस स्टेशन से रिजर्वेशन है, यदि यात्री उस स्टेशन के बजाए किसी दूसरे स्टेशन से ट्रेन में बैठता है तो उसकी कंफर्म बर्थ छिन सकती है। ऐसी स्थिति से बचने के लिए चार घंटा पहले रिजर्वेशन चार्ट में संशोधन कराना जरूरी होगा। रेलवे द्वारा जब से टीटीई के हाथों में हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीनें दी गई हैं, इस पर अमल भी शुरू हो गया है।
हैंड हेल्ड मशीनों के आने से पहले टीटीई ट्रेन में चार्ट लेकर यात्रियों की उपस्थिति चेक करते थे। उस दौरान कोई व्यक्ति अपने बर्थ पर नहीं मिला तो उसका एक या दो स्टेशन तक इंतजार करते थे। इसके बाद किसी आरएसी या वेटिंग वाले यात्री बर्थ अलाट करते थे। परंतु अब ऐसा नहीं चलेगा क्योंकि रेलवे द्वारा दी गईं डिजिटल डिवाइस को दूसरे स्टेशन तक अपडेट करना अनिवार्य है, ताकि तुरंत वेटिंग या आरएसी वाले यात्री को खाली बर्थ अलॉट कर सके।
अब टीटीई यात्री का नहीं करेंगे इंतजार
पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि टीटीई अब एक या दो स्टेशन तक यात्री के आने का इंतजार नहीं करेंगे। उन्हें हैंड हेल्ड टर्मिनल मशीन में तुरंत बटन दबाकर निश्चित करना होगा कि यात्री आया है या नहीं। यात्री के न आने पर बर्थ तुरंत रेलवे के सर्वर के माध्यम से वेटिंग अथवा आरएसी वाले यात्री को मिल जाएगी। इस नियम में बदलाव से यात्रियों को बोडिंग वाले स्टेशन से बैठना अनिवार्य हो गया है।