उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ जिले की जेल में बंद 1100 कैदियों जो खाना कैदियों को दिया जाता है वो इतना अच्छा है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण FSSAI की तरफ से फाइव-स्टार रेटिंग मिली है।
कहतें हैं जेल जाना और जेल का खाना बहुत बुरा होता है। जेल जाना तो आज भी बुरा ही है लेकिन जेल के खाने को लेकर जो खबर हम आपको बताने जा रहे हैं उसे पढ़कर आपके मन में जेल के खाने के प्रति सोच बदल जाएगी। उत्तर प्रदेश के फतेहगढ़ जिले की जेल में बंद 1100 कैदियों जो खाना कैदियों को दिया जाता है वो इतना अच्छा और बढ़िया है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) से उसे फाइव-स्टार रेटिंग मिली है। FSSAI ने प्रमाणपत्र में लिखा है कि जिला जेल फतेहगढ़, फर्रुखाबाद को भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण द्वारा स्थापित दिशानिर्देशों के अनुसार Eat Right Campus के रूप में प्रमाणित किया गया है। स्टेटमेंट के बाद 5 स्टार रेटिंग और सर्टिफिकेट पर उत्कृष्ट लिखा है।
इस बारे में फतेहगढ़ जिला जेल के जेलर अखिलेश कुमार ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि ‘हमें थर्ड पार्टी ऑडिट के बाद प्रमाण पत्र मिला है। जिन मानदंडों को आंका गया उनमें स्वच्छता, भोजन की गुणवत्ता, एफएसएसएआई-प्रमाणित दुकानों से चावल, गेहूं और दाल की खरीद और अच्छी तरह से तैयार किया गया खाना शामिल है। उन्होंने कहा कि जेल में शाकाहारी भोजन परोसा जाता है।
अखिलेश कुमार ने कहा कि हर दिन अलग-अलग तरह का भोजन कैदियों को परोसा जाता है। दालों में अरहर, मसूर, चना और उड़द बारी-बारी से बनाया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि कैदियों को नाश्ते में दो दिन चना दिया जाता है, दो दिन ब्रेड और तीन दिन दलिया दी जाती है।
इसके अलावा महीने के पहले तीसरे और आखिरी रविवार की शाम को कैदियों को पूरी, सब्जी और हलवा परोसा जाता है। वहीं दूसरे रविवार को कढ़ी-चावल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि फिलहाल जेल में 1,144 कैदी बंद हैं।
जेलर ने बताया कि खाना बनाने में लगे कैदी एप्रन पहनकर खाना बनाते हैं, जैसा कि रेस्तरां में होता है। इसके अलावा खाना पकाने के पारंपरिक तरीकों की जगह रोटी मशीन, आटा गूंथने की मशीन और सब्जी काटने की मशीन का इस्तेमाल किया जाता है। अंत में हर दिन पके हुए खाने की जांच की जाती है। उन्होंने कहा कि कैदी जेल में मिलने वाले खाने से संतुष्ट हैं।