ऐसा लगता है कि योगी सरकार के जलशक्ति विभाग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्यमंत्री दिनेश खटीक के बाद इसी विभाग के दूसरे राज्यमंत्री रामकेश निषाद भी नाराज हैं। उनकी नाराजगी भी अधिकारियों को लेकर है।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लगातार अधिकारियों को मंत्रियों और जनप्रतिनिधियों के आदेशों के पालन की बातें करते हैं। कई तरह की नसीहतें और हिदायतें भी देते रहते हैं। लेकिन इसका असर नहीं दिख रहा है। मामला जलशक्ति विभाग के अधिकारियों से जुड़ा है। ऐसा लगता है कि योगी सरकार के जलशक्ति विभाग में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। राज्यमंत्री दिनेश खटीक के बाद इसी विभाग के दूसरे राज्यमंत्री रामकेश निषाद भी नाराज हैं। इनकी नाराजगी भी खटीक की तरह अधिकारियों के रवैये को लेकर है। रामकेश ने अपने विभाग में कर्मचारियों को सेलरी नहीं मिलने का मामला उठाते हुए अधिकारियों को पत्र लिखा है। यह पत्र अब वायरल हो रहा है।
यूपी के जलशक्ति विभाग के कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह हैं। उनके साथ दिनेश खटीक और रामकेश निषाद को राज्यमंत्री बनाया गया है। कुछ समय पहले राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने अचानक इस्तीफा देकर खलबली मचा दी थी। हालांकि बाद में उन्होंने सीएम योगी से किसी तरह की नाराजगी से इनकार करते हुए अधिकारियों पर बात नहीं सुनने का आरोप लगाया था। अब इसी विभाग के दूसरे राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने अधिकारियों पर उसी तरह का आरोप लगाया है। मंत्री रामकेश निषाद ने इसे लेकर जल निगम के प्रबंध निदेशक को पत्र लिखा है।
रामकेश निषाद ने अपने विभाग की कार्यप्रणाली पर ही प्रश्न चिह्न लगाया है। उन्होंने पत्र में लिखा कि पिछले चार महीने से जल-निगम (नगरीय) में कर्मचारियों और पेंशनर की सेलरी नहीं आई है। जल-निगम (ग्रमीण) में दो महीनों से सेलरी नहीं मिल रही है। 13 हज़ार से ज्यादा कर्मचारियों को अप्रैल 2022 से वेतन नहीं मिला है।
इसे लेकर कर्मचारियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्री ने कहा कि कर्मचारियों की इस समस्या पर कोई भी अधिकारी बोलने को तैयार नहीं है। कहा कि चार महीने से वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं होने से कर्मचारी नाराज हैं।