Noida Twin Tower Demolition: ट्विन टावर के बनने से लेकर जमींदोज होने से एक दिन पहले तक की पूरी कहानी

नोएडा में भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर कल जमींदोज हो जाएंगे। इन्हें गिराने के लिए 10 साल तक कोर्ट में लंबी लड़ाई लड़ी गई। बिल्डर ने नक्शे में तीन बार संशोधन किया।

भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़े सुपरटेक बिल्डर के ट्विन टावर (एपेक्स और सियान) रविवार दोपहर ढाई बजे जमींदोज हो जाएंगे। करोड़ों की लागत से बनी इन इमारत को गिराने के लिए लड़ी गई लड़ाई के लिए सोसाइटी के 400 फ्लैट मालिकों ने चंदा जुटाया। देश में इससे पहले इतनी ऊंची इमारत नहीं गिराई गई है। ऐसे में यह ध्वस्तीकरण ऐतिहासिक होगा।

एमरॉल्ड कोर्ट सोसाइटी की एओए के अध्यक्ष और सेवानिवृत्त डीआईजी उदयभान सिंह तेवतिया ने  ‘हिन्दुस्तान’ को बताया कि सुपरटेक बिल्डर को सेक्टर-93ए में 23 दिसंबर 2004 को एमरॉल्ड कोर्ट के नाम पर भूखंड आवंटित हुआ, जिसमें 14 टावर का नक्शा पास हुआ। इसके बाद योजना में तीन बार संशोधन हुआ और दो नए टावर की मंजूरी दे दी गई। ये दोनों टावर ग्रीन पार्क, चिल्ड्रन पार्क और दो मंजिला कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स की जमीन पर बनाए गए।

फ्लैट खरीदारों ने इसके खिलाफ पहली बार मार्च 2010 में आवाज उठाई और नोएडा प्राधिकरण से नक्शा मांगा। हमें प्रशासन, पुलिस और शासन तक गए, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। इस पर वर्ष 2012 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दायर की। सोसाइटी में एओए और कानूनी समिति का गठन किया गया, जिसका अध्यक्ष उन्हें चुना गया। इस संघर्ष के लिए 40 सदस्यीय टीम बनाई गई थी।

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