कानपुर में इन दिनों बीमारियों से हाहाकार मचा है। पहले डायरिया और अब वायरल इंसेफेलाइटिस का भी हमला शुरू हो गया है। मरीजों को अचानक दौरे पड़ रहे और बेहोशी आ जाती है। अस्पतालों में भीड़ उमड़ी हुई है।
बारिश के मौसम में वैसे भी कई तरह की बीमारियां फैल जाती हैं। इनमें संक्रामक बीमारियों की संख्या ज्यादा होती है। कानपुर में भी इन दिनों तरह तरह की बीमारियों से हाहाकार मचा है। पहले डायरिया और अब वायरल इंसेफेलाइटिस का भी हमला शुरू हो गया है। मरीजों को अचानक दौरे पड़ रहे और बेहोशी आ जाती है। इसकी चपेट में आए नौ रोगियों को सोमवार को हैलट इमरजेंसी में भर्ती कराया गया। हालात किस कदर खराब हैं इन्हें इस आकड़े से भी समझा जा सकता है कि केवल सोमवार को संक्रामक बीमारियों से पीड़ित 9000 से ज्यादा मरीज पहुंचे।
सोमवार को पहली बार हैलट और उर्सला अस्पताल में बीमारों की भीड़ ने डॉक्टरों तक को हैरान कर दिया। आधे से ज्यादा मरीज वायरल के साथ एक्यूट गैस्ट्रो वाले पहुंचे। तीन दिन की छुट्टी के बाद जैसे ही हैलट-उर्सला की ओपीडी सुबह नौ बजे शुरू हुई, उससे पहले मरीजों की भारी भीड़ पहुंच गई। ओपीडी ब्लॉक दोपहर तक मरीजों से पटे पड़े रहे।
हैलट की ओपीडी में दोहपर दो बजे तक 4792, उर्सला में 2790 और केपीएम में 1210 मरीज पहुंचे जिसमें आधे से ज्यादा बीमार संक्रामक बीमारियों के रहे। स्थिति गंभीर होने पर 43 को हैलट इमरजेंसी में भर्ती कराना पड़ा। हैलट में मेडिसिन ओपीडी में प्रो. जेएस कुशवाहा, डॉ.आरके वर्मा, डॉ.विशाल गुप्ता के चैम्बर के बाहर मरीजों की भीड़ फर्श पर बैठ गई।
डॉ. कुशवाहा ने बताया कि वायरल बदले स्वरूप में आ रहा है। पहली बार इसके इतने मरीज आए हैं। मरीज बेदम सा हो रहा है। दिमाग में सूजन आ रही है। वायरल के आधे मरीजों में वायरल इंसेफेलाइटिस के 40 फीसदी हैं। मेडिसिन हेड प्रो.रिचा गिरि ने बताया कि गंभीर मरीजों की भीड़ आ रही है। उर्सला में भी डॉ.एसएन बाजपेई, डॉ.अनिल निगम के पास भी इन्हीं मरीजों का तांता लगा रहा है।
डायरिया के 99 मरीज और मिले
रावतपुर के धनकुआना-आनंद नगर के बाद सोमवार को गजोधरपुर, लोहारन भट्ठा और राजापुरवा जैसे नए इलाकों में भी डायरिया ने पांव पसार लिए। आनन-फानन में स्वास्थ्य विभाग की 13 टीमों ने 1108 घरों का सर्वे किया, जिसमें 21 मरीज डायरिया से ग्रसित पाए गए।
चार को नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ा। सोमवार को रावतपुर में 78 और मरीज मिले, जिनमें दो को हैलट में भर्ती कराया गया। इनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। कुल 99 मरीज नए डायरिया के मिले। इस बीच प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग ने पेयजल के नौ सैंपल लेकर जांच के लिए रीजनल लैब लखनऊ भेजे हैं।
एसीएमओ डॉ.आरएन सिंह की अगुवाई में डायरिया प्रभावित इलाकों में स्वास्थ्य विभाग की 65 टीमें तैनात की गई हैं। एसीएमओ के मुताबिक ने बताया कि बुखार के भी 52 मरीज चिह्नित किए गए हैं।
सभी का ब्लड लेकर स्लाइड बनाई गई हैं। डायरिया से गंभीर रूप से बीमार कार्तिक (3), उदय नारायण (58) को हैलट, संजू (36), लाली(32), राधा(27), दिनेश चंद्र (40) को नर्सिंग होम में भर्ती किया गया है। उधर, रावतपुर से जलकल ने भूगर्भ जल के जो सैंपल लिए थे उसकी रिपोर्ट मंगलवार शाम तक आ जाएगी। इससे साफ हो जाएगा कि जल दूषित है या नहीं।
पीजीआई में 700 मरीज पहुंचे, कोटा 200 का रहा
सोमवार को बीमारों की भीड़ जीएसवीएम सुपर स्पेशियलिटी पीजीआई में पहुंच गई तो हंगामा हो गया। यहां पर रोज सिर्फ 200 मरीजों को ही देखा जाता है लेकिन सात सौ से ज्यादा लोग पहुंच गए तो डॉक्टरों को मरीजों को रोकना पड़ा। 11 बजे 200 पर्चे बनने के बाद पर्चा बनना बंद हो गया तो मरीजों ने हंगामा कर नाराजगी जताई।
एक मरीज जीटी रोड में बीच सड़क पर लेट कर प्रदर्शन करने लगा। मरीजों से सुरक्षा गार्डों की तानातनी हो गई तो डॉक्टरों को नीचे उतरकर सभी समझना पड़ा है कि यह सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल है, यहां पर सामान्य रोगों के मरीज नहीं देखे जाते हैं तब सभी हैलट अस्पताल को जाने को तैयार हुए।
वायरल से कानों में भी हो रहा संक्रमण
जीएसवीएम की उप प्राचार्य प्रो. रिचा गिरि व प्रो.जेएस कुशवाहा ने भी माना कि इस समय जिस तरह से वायरल का हमला तेज हुआ है उससे साफ है कि वायरस में बदलाव हुआ है क्योंकि इस बार जिन्हें वायरल हो रहा है, उन्हें तीन दिन के बाद कानों में संक्रमण हो रहा है।