जिस तरह से विभाग बांटे गए हैं, उससे स्पष्ट है कि इसमें देवेंद्र फडणवीस ही बीस साबित हुए हैं। यह भी साफ हो है कि भले ही भाजपा ने उन्हें डिप्टी सीएम पद दिया है, लेकिन बाकी मामलों में फ्री हैंड है।
महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे सरकार के कैबिनेट विस्तार के बाद मंत्रालयों का बंटवारा भी हो चुका है। अब सवाल यह उठता है कि मंत्रालयों के बंटवारे में किसकी चली है। जिस तरह से विभाग बांटे गए हैं, उससे स्पष्ट है कि इसमें देवेंद्र फडणवीस ही बीस साबित हुए हैं। इसके साथ ही यह भी साफ हो चुका है कि भले ही भाजपा ने उन्हें शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद दिया है, लेकिन बाकी मामलों में फ्री हैंड दिया गया है।
ऐसा है फडणवीस का मास्टरस्ट्रोक
आज घोषित शिंदे सरकार के विभागों के बंटवारे पर नजर डालें तो फडणवीस का मास्टरस्ट्रोक साफ दिखेगा। असल में एनसीपी ने महाविकास अघाड़ी सरकार में शिवसेना को सीएम पद देकर अहम विभाग अपने पास रखे थे। अब भाजपा के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी यही फॉर्मूला यूज किया है। ध्यान देने वाली बात यह है कि फडणवीस ने उन चार विभागों को अपने पास रखा है, जो एनसीपी के चार बड़े नेताओं के पास थे। इसमें अजित पवार का वित्त, दिलीप वलसे पाटिल का होम, जयंत पाटिल का जल संसाधन और जितेंद्र आव्हाड का आवास विभाग अपने पास रखा है। इस तरह से देखा जाए तो शिंदे-फडणवीस सरकार की कैबिनेट में भाजपा ने ज्यादातर मलाईदार हिसाब अपने ही नेताओं के पास रखा है।
यह है भाजपा बड़ा खेल
बता दें कि यह सभी विभाग ऐसे हैं, जिनका आम जनता से सीधा ताल्लुक है। इन विभागों को अपने पास रखने के साथ ही भाजपा ने अपनी मंशा साफ कर दी है। भाजपा के पास यह विभाग होने से महाराष्ट्र में आम लोगों से उसका संपर्क बढ़ेगा। इसके साथ ही जनहित के फैसलों को लागू करते हुए भाजपा यहां पर पार्टी विस्तार की अपनी पॉलिसी पर भी काम कर सकेगी। महाविकास अघाड़ी सरकार में यह खेल एनसीपी खेल रही थी। अब फडणवीस ने भी बड़े ही सधे अंदाज में यह चाल चली है।
भाजपा के कोटे में कौन से मंत्रालय
विभागों के बंटवारे पर नजर डालें तो भाजपा बड़े भाई की भूमिका में नजर आ रहा है। भाजपा कोटे के मंत्रियों को दिए गए विभागों का ब्यौरा कुछ ऐसा है…
राधाकृष्ण विखे पाटिल: राजस्व, पशुपालन और डेयरी विकास
सुधीर मुनगंटीवार: वन, सांस्कृतिक मामले और मत्स्य पालन
चंद्रकांत पाटिल: उच्च और तकनीकी शिक्षा, कपड़ा और संसदीय कार्य
डॉ. विजयकुमार गावित: आदिवासी विकास
गिरीश महाजन: ग्राम विकास एवं पंचायती राज, चिकित्सा शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याण
अतुल सावे: सहकार, अन्य पिछड़ा और बहुजन कल्याण
मंगलप्रभात लोढ़ा: पर्यटन, कौशल विकास और उद्यमिता, महिला और बाल विकास
रवींद्र चव्हाण: लोक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रमों को छोड़कर), खाद्य और नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण
सुरेश खाड़े: कामगार