वह ज्वाइनिंग लेटर लेकर एसईसीएल के कार्यालय गई। यहां उसे उक्त ज्वाइनिंग लेटर के फर्जी होने की जानकारी मिली। तब युवती को पता चला कि उससे ठगी की गई है।
सिविल इंजीनियर युवती को नौकरी लगाने का झांसा देकर साढ़े चार लाख रुपये की ठगी कर ली गई और उसे फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया गया। युवती ज्वाइनिंग लेटर लेकर सूरजपुर जिले के विश्रामपुर एसईसीएल के दफ्तर पहुंची तो उसे लेटर के फर्जी होने का पता चला। वहां से युवती सीधे थाने पहुंची और पिता-पुत्र समेत 4 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कराया।
सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर माइनस कॉलोनी निवासी अल्मा रेनू टोप्पो पिता जयनाथ टोप्पो ने विश्रामपुर थाने पहुंच रिपोर्ट दर्ज कराई कि कैलाशपुर निवासी पिता-पुत्र संतोष कुमार सोनवानी व यशवंत कुमार सोनवानी सहित रायगढ़ निवासी नीलेश बहरा, भटगांव निवासी सूरज गुप्ता द्वारा करीब एक वर्ष पूर्व एसईसीएल कंपनी में नौकरी लगाने के नाम पर अपने झांसे में लेते हुए उससे साढ़े 4 लाख रुपए लिए गए थे। जब युवती द्वारा नौकरी के लिए दबाव बनाया जाने लगा तो आरोपियों ने उसे फर्जी ज्वाइनिंग लेटर थमा दिया।
वह ज्वाइनिंग लेटर लेकर एसईसीएल के कार्यालय गई। यहां उसे उक्त ज्वाइनिंग लेटर के फर्जी होने की जानकारी मिली। तब युवती को पता चला कि उससे ठगी की गई है। मामले में युवती की शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 420, 120 बी व 34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है।
ऐेसे की ठगी-
ठगी की शिकार हुई अल्मा रानू टोप्पो ने बताया कि इंजीनियरिंग महाविद्यालय कोनी बिलासपुर में सिविल अंतिम वर्ष की पढ़ाई के दौरान साथ पढ़ने वाले भटगांव निवासी सूरज गुप्ता एवं रायगढ; निवासी निलेश बेहरा ने एक वर्ष पूर्व 10 मई को बिलासपुर निवासी यशवंत सोनवानी नामक युवक से उसका परिचय कराते हुए बताया था कि यह एसईसीएल में कई लोगों की नौकरी लगवा चुका है। यदि तुम भी पैसा खर्च करोगी तो यह एसईसीएल में तुम्हारी नौकरी लगवा देगा। सहपाठी होने के कारण वह उनकी बातों के झांसे में आ गई। उसके बाद उनके कहने पर नौकरी पाने की लालसा में उसने यशवंत सोनवानी के अनुसार उसके द्वारा लाये गए एसईसीएल के नौकरी संबंधित फार्म में हस्ताक्षर भी किए।
उसके बाद यशवंत के पिता के स्टेट बैंक के बैंक खाते में चार बार तथा फोन पे के जरिये यशवंत द्वारा बताए गए नंबर पर सात बार में तीन लाख 58 हजार रुपए ट्रांसफर किए। इसके अलावा दो बार में नकद 92 हजार रुपये उसे दिए। इस प्रकार उसने यशवंत सोनवानी को कुल साढ़े चार लाख रुपये नौकरी लगाने के नाम पर दिए हैं।